Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुरThere will be trouble in raising the stretcher reduce the height of the ramp

स्ट्रेचर चढ़ाने में होगी परेशानी, रैम्प की उंचाई करो कम

प्रमुख सचिव नगर विकास एवं जिले के नोडल अधिकारी दीपक कुमार गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने निर्माणाधीन 500 बेड वाले बालरोग चिकित्सा संस्थान का निरीक्षण किया। मौके पर प्राचार्य डॉ. गणेश...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरFri, 24 Jan 2020 02:13 AM
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प्रमुख सचिव नगर विकास एवं जिले के नोडल अधिकारी दीपक कुमार गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने निर्माणाधीन 500 बेड वाले बालरोग चिकित्सा संस्थान का निरीक्षण किया। मौके पर प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार के साथ कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएन के इंजीनियर मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान मुख्य भवन के पोर्टिको में पहुंचते ही प्रमुख सचिव की नजर रैम्प पर पड़ी। रैम्प जमीन से करीब 15 फीट उपर बना है। प्रमुख सचिव ने पूछा कि इस रैम्प पर एम्बुलेंस के अलावा तीमारदार अपने मरीज को स्ट्रेचर से लाएंगे। अधिकारियों ने सहमति में सिर हिलाया। जिसके बाद प्रमुख सचिव रैम्प की उंचाई पर नाराज हुए। उन्होंने उंचाई को कम करने की सलाह दी।

जुलाई में तैयार होगा भवन

निरीक्षण के दौरान कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) के इंजीनियरों ने बताया कि भवन की डिजाइन में शासन ने कई परिवर्तन कर दिए। इसके कारण भवन के आंतरिक निर्माण में परिवर्तन किया जा रहा है। इससे प्रोजेक्ट की मियाद लंबी खिंच रही है। अब प्रोजेक्ट जुलाई के अंत तक पूरा हो सकेगा।

भवन मिलने के बाद संचालित होगा वार्ड

मौके पर मौजूद प्राचार्य ने कहा कि भवन का निर्माण पूरा होने के बाद ही डॉक्टर व कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। इसके बाद ओपीडी व वार्ड का संचालन शुरू होगा। भवन हस्तांतरित होने के बाद इस प्रक्रिया में तीन महीने का समय लग सकता है। निरीक्षण के दौरान सीडीओ हर्षिता माथुर, एसडीएम सदर सुरेश कुमार राय, तहसीलदार सदर डॉ. संजीव कुमार दीक्षित भी मौजूद रहे।

नया बनेगा प्राइवेट वार्ड, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

प्रमुख सचिव ने प्राइवेट वार्ड की दशा की भी जानकारी ली। प्राचार्य ने बताया कि कालेज में 32 कमरों का प्राइवेट वार्ड है। यह पूरी तरह से जर्जर हो गया है। पिछले साल ही प्राइवेट वार्ड को ध्वस्त कर नए सिरे से निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। यह प्रस्ताव आज तक शासन में मौजूद है। अभी इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

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