हंगामे के बाद निलंबित हुए प्रो. जोन्नाडा पांचवें दिन हुए बहाल
डीडीयू वेतन कटौती को लेकर घमासान के बाद प्रोफेसर के निलंबन का मामला लिखित रूप
गोरखपुर, निज संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. जोन्नाडा एवी प्रसादा राव का निलंबन शुक्रवार को वापस ले लिया गया है। लिखित रूप से उनके खेद प्रकट किए जाने और शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा आग्रह को देखते हुए चेतावनी देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. जोन्नाडा की बहाली की है।
डीडीयू की कुलपति प्रो. पूनम टंडन द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार के आश्वासन के बाद 4 सितंबर को उम्मीद जताई गई थी कि जल्द ही प्रो. जोन्नाडा की बहाली हो जाएगी। गुरुवार को ही इस सम्बंध में प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। शुक्रवार की शाम बहाली के सम्बंध में आदेश जारी कर दिया गया।
यह है मामला
प्रो. जोन्नाडा 20 से 23 अगस्त तक विश्वविद्यालय में उपस्थित नहीं थे। दो सितंबर को सैलरी आई तो पता चला कि उनकी चार दिन की सैलरी काट ली गई है। प्रोफेसर का आरोप था कि उन्होंने सीएल के लिए आवेदन पत्र दिया था। डीडीयू प्रशासन का दावा था कि उन्होंने वापस लौटने के बाद आवेदन दिया था। इस बात को लेकर दो सितंबर को प्रोफेसर ने बायोटेक्नोलॉजी विभाग बंद कर दिया था। खुलवाने गए चीफ प्रॉक्टर, डीन साइंस से दुर्व्यवहार के भी आरोप लगे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रो. जोन्नाडा को निलंबित कर दिया गया था।
प्रो. जोन्नाडा एवी प्रसादा राव ने इस घटना के लिए लिखित रूप से खेद प्रकट किया था। शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने भी एक मौका दिए जाने का आग्रह किया था। प्रो. जोन्नाडा के खेद प्रकट करने और शिक्षकों के आग्रह को देखते हुए सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बाद निलंबन वापस ले लिया गया है।
-प्रो. शांतनु रस्तोगी, कुलसचिव, डीडीयू
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