बिजली मीटर में रिमोट लगाने वाले गिरोह की तलाश करेगी एसटीएफ
महानगर से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे चेकिंग अभियान में दर्जनों घरों के बिजली मीटर में रिमोट डिवाइस पकड़े जाने से अफसरों के होश उड़ गए हैं। उन्होंने गिरोह को पकड़ने के लिए मुख्य अभियंता ने...
महानगर से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे चेकिंग अभियान में दर्जनों घरों के बिजली मीटर में रिमोट डिवाइस पकड़े जाने से अफसरों के होश उड़ गए हैं। उन्होंने गिरोह को पकड़ने के लिए मुख्य अभियंता ने ऊर्जा निगम के चेयरमैन और एसटीएफ को पत्र लिखकर मदद मांगी है।
बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि रिमोट लगाने वाला गिरोह दिल्ली से अपना नेटवर्क संचालित कर रहा है। उसके सदस्य शहर के साथ ही पिपराइच, गोला, सहजनवा व बांसगांव क्षेत्र में आटा चक्की व अन्य बड़े उपभोक्ताओं को बिजली बिल कम करने का लालच देकर निगम को भारी चपत लगा रहे हैं। उनके बहकावे व लालच में आकर उपभोक्ता भी अपने मीटर में रिमोट का चिप लगाकर बिजली इस्तेमाल करते समय मीटर को बंद कर दे रहे हैं। इससे बिजली मीटर कम रीडिंग दर्ज करता है।
हाईलॉस वाले फीडरों पर चल रहे चेकिंग अभियान में दर्जनों घरों के बिजली मीटर में रिमोट पकड़े जाने का मामला उजागर होने पर जोन के मुख्य अभियंता ने ऊर्जा निगम के चेयरमैन व एसटीएफ मुख्यालय को पत्र भेजकर गिरोह को पकड़ने की मांग की है। बिजली चोरी में पाबंद लोग भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
यह है रिमोट तकनीकी
मीटर परीक्षण खण्ड के तकनीकी कर्मचारियों के मुताबिक बिजली मीटर में सीटी लगी होती है। यह सीटी एनर्जी व लोड का आकलन करती है। रिमोट लगाने वाला गिरोह सीटी वॉयर को कट करके रिमोट सेंसर डिवाइस लगा देते हैं। रिमोट के माध्यम से सेंसर को एक्टिव करके मीटर को बंद कर दिया जाता है। इससे मीटर में एनर्जी की खपत दर्ज नहीं हो पाती है। गिरोह के सदस्य चिप लगाने के बाद मीटर की सील सही ने नहीं लगा पाते हैं। ऐसे में जांच के दौरान पकड़ में आ जाता है कि मीटर में छेड़छाड़ है। 2014 में पहली बार ऐसा मामला पकड़ में आया था।
अबतक पकड़े गए रिमोट के मामले
140 कनेक्शनों के बिजली मीटर में रिमोट सेंसर डिवाइस पकड़ी गई
110 मामले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सामने आए
बिजली मीटर में रिमोट लगाने वाला गिरोह शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय है। लाइनलॉस वाले फीडरों पर चल रहे अभियान के दौरान रिमोट के माध्यम से बिजली इस्तेमाल के मामले सामने आए हैं। इस गिरोह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए चेयरमैन व एसटीएफ को पत्र भेजा गया है। गिरोह के सदस्य निगम को आर्थिक क्षति पहुंचा रहे है।
- ई. देवेन्द्र सिंह, मुख्य अभियंता, गोरखपुर जोन
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