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‘कुंभकरण जिंदा है या नहीं..जानने के लिए 20 साल से भटक रही बहन

- भाई जिंदा है या नहीं जानने को 24 वर्ष से 700 किमी में चकरघिन्नीजानने के लिए बहन सुमित्रा 700 किलोमीटर तक चकरघिन्नी बनी है। पिछले दस साल से वह पंजाब

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरTue, 17 Sep 2024 08:53 PM
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गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। पीपीगंज के बढ़नी का कुंभकरण 18 साल की उम्र में 2005 में घर से कमाने के लिए पंजाब गया, लेकिन 20 साल से वह कहां हैं, यह कोई नहीं जानता। वह जिंदा भी है या नहीं, यह जानने के लिए बहन सुमित्रा 700 किलोमीटर की दूरी में चकरघिन्नी बनी है। पिछले दस साल से वह पंजाब से लेकर गोरखपुर तक पुलिस से सिर्फ इसी बात की गुहार लगा रही है कि पता लगा दें कि उसका भाई कहां हैं, जिंदा भी है या नहीं। पहले तो यह बताया गया कि सर्पदंश से उसकी मौत हो गई, लेकिन न तो पोस्टमार्टम हुआ और न ही शव मिल सका। अब एक बार फिर बहन सुमित्रा ने सीएम पोर्टल पर गुहार लगाई है।

सुमित्रा ने बताया कि 2005 में उसका भाई कुंभकरण कमाने के लिए पंजाब गया था। बाद में पता चला कि गुलरिहा इलाके की एक युवती भी उसके साथ गई थी। उसने आकर बताया कि कुंभकरण सर्पदंश से मौत हो गई। लेकिन, उसकी लाश नहीं मिली। कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कराया गया तो विवेचक ने भी अपनी चार्जशीट में लिखा कि अभियुक्त से मिले प्रमाण पत्र से पता चला है कि सर्पदंश से उसकी मौत हो गई। लेकिन, उसकी लाश के बारे में नहीं बता सके। बाद में सुमित्रा को चंडीगढ़ से पता चला कि उसके साथ आए भोला ने पोस्टमार्टम न कराने की बात लिखित में दी थी। सुमित्रा के अनुसार, कुंभकरण जहां काम करता था, वहीं के एक नौकर ने उसे बताया था कि आपके भाई को मालिक ने कहीं दूर भेज दिया था।

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पिता की मौत हो गई, रिपोर्ट नहीं मिली

सुमित्रा ने बताया कि भाई को खोजने में लगे पिता राजाराम की भी 2012 में संदिग्ध हाल में मौत हो गई। शिकायत के बाद पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन उसकी रिपोर्ट आज तक नहीं मिल सकी।

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मामले की जानकारी हुई है। पीड़िता के प्रार्थना पत्र की जांच कराई जा रही है। काफी पुराना मामला है। हर संभव मदद की जाएगी।

-जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी नार्थ

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