खोराबार में विकसित होगी सैटेलाइट टाउनशिप, डॉक्टरों के लिए विशेष सुविधा
खोराबार में सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने को लेकर जीडीए ने कवायद तेज कर दी है। इंजीनियरों ने यहां को लेकर विशेष तैयारी की है। टाउनशिप में डॉक्टरों की सुविधा को लेकर अलग कालोनी विकसित करने की योजना है।...
खोराबार में सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने को लेकर जीडीए ने कवायद तेज कर दी है। इंजीनियरों ने यहां को लेकर विशेष तैयारी की है। टाउनशिप में डॉक्टरों की सुविधा को लेकर अलग कालोनी विकसित करने की योजना है। टाउनशिप समेत अन्य योजनाओं पर जीडीए के जिम्मेदार 29 जून को प्रस्तावित जीडीए बोर्ड की बैठक में चर्चा करेंगे।
करीब चार महीने से अधिक समय बाद होने जा रही जीडीए बोर्ड की बैठक में टाउनशिप के साथ ही एयरफोर्स को लेकर नो-कंस्ट्रक्शन जोन का मामला अहम होगा। जीडीए करीब एक दशक बाद टाउनशिप को लेकर प्लांनिग कर रहा है। जीडीए के इंजीनियरों ने पिछले दिनों करीब 170 एकड़ जमीन का चिन्हांकन कर पिलर भी लगा दिया है। जीडीए के इंजीनियरों ने टाउनशिप को लेकर प्रारंभिक ले-आउट तैयार भी कर लिया है। जीडीए की योजना यहां एलआईजी, एमआईजी और ईडब्यूएस प्लाट लोगों को आवंटित करने की है। इसके साथ ही यहां डॉक्टरों के लिए अलग से कालोनी विकसित करने की योजना है। यहां नर्सिंग होम के लिए कामर्शियल प्लाट दिये जाएंगे। इसके पीछे मंशा है कि लोगों को शहर से दूर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो।
मरीज को किसी भी सुविधा के लिए कहीं भटकना नहीं पड़े। यहां आने जाने के लिए एंबुलेंस की भी सुविधा होगी। अभी तमाम डॉक्टर बेतियाहाता, तारामंडल और मेडिकल रोड पर हैं। जहां मरीजों को ले रही एम्बुलेंस को जाम से जूझना पड़ता है। खोराबार में पहले ही जीडीए 1500 पीएम आवास बना रहा है। सूबा बाजार क्षेत्र में जीडीए पीएम आवास योजना के तहत 1500 ईडब्ल्यूएस आवास बनाएगा। करीब 15 एकड़ में विकसित होने वाली योजना को लेकर जीडीए के इंजीनियर ले-आउट तैयार कर लिया है। फ्लैट के निर्माण पर करीब 84 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जल्द ही जीडीए की तरफ से आवेदन मांगा जाएगा। इसके अलावा मानबेला में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर भी मंथन हो सकता है।
नये नो-कंस्ट्रक्शन जोन पर लगेगी मुहर
बैठक में एयरफोर्स के आस-पास नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा घटाने के मामले में अंतिम निर्णय हो सकता है। पिछली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी जिसके बाद मामला शासन को भेजा गया था। प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक शासन ने भी अपनी रजामंदी दे दी है। 25 जून तक फाइल, प्राधिकरण के पास पहुंचने की उम्मीद है। बदलाव के बाद एयरफोर्स के आसपास नो-कंस्ट्रशन जोन का दायरा 900 मीटर से घटाकर 100 मीटर करने का प्रस्ताव है। इस निर्णय से पांच हजार घरों के वैध होने का रास्ता तो खुलेगा ही नए निर्माण के लिए मानचित्र भी स्वीकृत हो सकेगा।
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