सिंचाई विभाग ने कसा किनारा, अब पुल बचाना एनएचएआई की चुनौती
Gorakhpur News - फोटो- देहात ग्रुप में --- - सरयू नदी की धारा बदलने के बाद कटान

बड़हलगंज, हिन्दुस्तान संवाद। बड़हलगंज दोहरीघाट में सरयू नदी के पुल को बचाने की चुनौती बढ़ती जा रही है। बाढ़ का सीजन शुरू होने में केवल दो माह बचे हैं, लेकिन पिछले बरसात में पुल की ओर मुड़ी सरयू नदी की धारा सीधा करने का ठोस उपाय नहीं हो पाया है। इस मामले में एनएचएआई ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर कार्य कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सिंचाई विभाग ने किनारा कस लिया है। अब एनएचएआई अधिकारियों की चुनौती बढ़ गई है। गोरखपुर- वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सरयू पुल के पास बड़हलगंज की ओर नदी की धारा मुड़ने से पुल को खतरा उत्पन्न होने के मामले में एनएचएआई अधिकारियों ने एप्रोच के पास करीब 25 मीटर दूर तक बोल्डर पिचिंग करा दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ की तेज लहरों के आगे यह प्रयास नाकाफी साबित हो सकता है। एनएचएआई को उम्मीद थी कि उनके विभागीय बजट से सिंचाई विभाग पुल को बचाने का सुरक्षात्मक उपाय कर सकता है, लेकिन सिंचाई विभाग ने कार्य करने से असहमति जता दी है।
बीते जुलाई में बाढ़ के दौरान करीब 1400 मीटर लंबे पुल के छठवें पिलर से मुड़ी नदी की धारा एप्रोच की ओर बढ़ रही थी तो अधिकारियों के होश उड़ गए थे। उस दौरान ही पत्राच्चार हुआ था, लेकिन नौ माह बीत गए और पुल बचाने के लिए ठोस पहल नहीं हुआ। एनएचएआई के प्रयास से आई विशेषज्ञों की समिति ने नदी की धारा मुड़ने की रिपोर्ट के साथ बचाव के उपाय भी बताए, उसके बाद सिंचाई विभाग के इंतजार में समय बर्बाद हुआ। अब दो माह में ही पुल के बचाव का उपाय करना है, जबकि इसी तरह की कटान से बचाव के लिए कम्हरियाघाट में जियो टेक्सटाइल ट्यूब का प्रयोग किया गया है। ऐसी स्थिति तब है जबकि बड़हलगंज कस्बे में लोक निर्माण विभाग के पुराने पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है।
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सिंचाई विभाग ने सरयू पुल पर सुरक्षात्मक कार्य करने से मना कर दिया है। इस मामले में दिल्ली में बैठक होनी है। विशेषज्ञों के साथ बैठक की जा रही है, जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा। हालांकि, बोल्डर पिचिंग का कार्य कराया गया है।
-ललित प्रताप पाल, पीडी, एनएचएआई
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