क्रांन्तिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल का गोरखपुर में बनेगा स्मारक
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता काकोरी कांड के साजिशकर्ता और भगत सिंह के गुरु क्रांतिकारी शचींद्रनाथ...
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
काकोरी कांड के साजिशकर्ता और भगत सिंह के गुरु क्रांतिकारी शचींद्रनाथ सान्याल का शहर में स्मारक बनेगा। स्वामी प्रणवानंद की ओर से स्थापित संस्था भारत सेवाश्रम के प्रबंधन ने क्रांतिकारी सान्याल का शहीद स्मारक स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रशासन से स्थान मांगा जाएगा। जगह नहीं मिलती तो दाउदपुर स्थित भारत सेवाश्रम संघ भवन परिसर में स्मारक स्थापित किया जाएगा।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शचींद्रनाथ सान्याल ने सात फरवरी 1942 को गोरखपुर में ही अंतिम सांस ली थी लेकिन इस शहर में ऐसा कोई स्थान नहीं है, उनकी यादें संजोयी गई हों। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान में अगस्त 2019 में और पिछले वर्ष पितृ पक्ष के दौरान हमारे पितृ पुरुष अभियान में शचींद्रनाथ सान्याल की प्रतिमा, चौराहा या गली को लेकर आवाज उठाई थी। शचींद्रनाथ सान्याल के परिवारीजनों ने भी इस बावत आपके अपने अखबार से दर्द साझा किया था। अब जब प्रदेश सरकार चौरीचौरा शताब्दी वर्ष को लेकर पूरे साल कार्यक्रम कर शहीदों को सम्मान दे रही है, तो ऐसे में स्वामी प्रणवानंद की ओर से स्थापित संस्था भारत सेवाश्रम के प्रबंधन ने क्रांतिकारी सान्याल का शहीद स्मारक बनवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्थान देने के लिए प्रशासन से मांग की जाएगी। यदि वहां से जगह नहीं मिलती तो दाउदपुर स्थित भारत सेवाश्रम संघ भवन परिसर में स्मारक स्थापित किया जाएगा।
भारत सेवाश्रम संघ गोरखपुर के प्रबंधक स्वामी नि:श्रेयासानंद ने बताया कि अमर शहीद शचींद्रनाथ सान्याल ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। महान क्रांतिकारी की याद में यहां कोई स्मारक न होना पीड़ा देने वाला है। चौरीचौरा शताब्दी वर्ष में इस महान क्रांतिकारी की पुण्यतिथि के अवसर पर निर्णय लिया गया है कि यदि प्रशासन की ओर से कोई स्मृति स्थान नहीं बनवाया जाता है तो चौरीचौरा शहीद स्मारक की तर्ज पर भारत सेवाश्रम संघ आश्रम परिसर में उनकी याद में स्मारक बनवाया जाएगा। इस स्मारक पर शहीद शचींद्र नाथ सान्याल की जयंती एवं पुण्यतिथि के अवसर पर कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
दाउदपुर स्थित मकान में ली थी अंतिम सांस
अपनी जिंदगी के 20 साल अंडमान निकोबार के सेल्यूलर जेल से लेकर विभिन्न जेलों में गुजारने वाले महान क्रान्तिकारी शचीन्द्र नाथ सान्याल ने अंतिम सांस गोरखपुर में ली थीं। दाउदपुर कालीमंदिर के पीछे नगर विधायक के आवास की तरफ जाने वाली गली में उनके भाई रविन्द्र नाथ सान्याल का मकान था जिसमें वे एक तरह से नजरबंद ही रहे। शचीन्द्र नाथ को जिंदगी के अंतिम दिनों में टीबी हो गया था। इसके बावजूद अंग्रेजों ने उन्हें कोलकाता जेल में कैद रखा।
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