Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुरProduction in the fertilizer factory with thousand properties from next year

हजार खूबियों वाले खाद कारखाने में उत्पादन अगले साल से

विधानसभा चुनाव 2017 से चंद महीने पहले खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाने के नये प्लांट का शिलान्यास किया था। पीएम ने दिसम्बर 2020 तक उत्पादन की बात कही थी। जापान के टोयो कम्पनी द्वारा तैयार किये...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSun, 28 June 2020 01:35 AM
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विधानसभा चुनाव 2017 से चंद महीने पहले खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाने के नये प्लांट का शिलान्यास किया था। पीएम ने दिसम्बर 2020 तक उत्पादन की बात कही थी। जापान के टोयो कम्पनी द्वारा तैयार किये जा रहे प्लांट की प्रगति बताती है कि कारखाने में तय समय में नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके लिए जरूरी 62 मशीनें देश-दुनिया से प्लांट में पहुंच चुकी हैं। खाद कारखाने के कर्ताधर्ता बताते हैं कि फरवरी 2021 से प्लांट से यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

यूरिया प्लांट कई मामलों में रिकार्ड बना रहा है। पूर्वांचल में पहली बार रबर प्लांट बनकर तैयार हो गया है। तो कुतुबमीनार से भी ऊंचा प्रीलिंग टॉवर इसकी भव्यता को दूर से ही तस्दीक का रहा है। प्लांट में पानी की जरूरत को लेकर कोरियन तकनीक से रबर डैम बनकर तैयार हो गया है। यह प्लांट की पानी की जरूरत को देखते हुए फुलाया या पंचकाया जा सकेगा। डैम में रोके गए पानी से ही हिन्दुस्तान यूरिया उर्वरक लिमिटेड (एचयूआरएल) के यूरिया प्लांट की जरूरतें पूरी की जाएगी। इससे रोज 1450 क्यूबिक लीटर पानी की जरूरत होगी। इसके लिए प्राकृतिक चिलुआताल को गहरा किया जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, कोरियन रबर डैम की खासियत है कि यह हवा से भरा रहेगा। जब डैम के पूरब पानी ज्यादा हो जाएगा तो डैम से थोड़ी हवा निकाल दी जाएगी। इससे पानी दूसरी तरफ चला जाएगा। यदि दूसरी तरफ पानी ज्यादा होगा तो फिर इसी प्रक्रिया से पानी इस पार कर दिया जाएगा। यह रबर डैम बुलेट प्रूफ होगा। डैम पर एके- 47 से या किसी अन्य बंदूक की गोली का कोई असर नहीं होगा। इस डैम के निर्माण पर 29 करोड़ रुपये खर्च हुए है। रबर डैम की चौड़ाई (बुनियाद) 19 मीटर तो लम्बाई 64.5 मीटर और ऊंचाई दो मीटर है। प्लांट के प्रोजेक्ट हेड वीके दीक्षित बताते हैं कि खाद कारखाने के नए प्लांट के लिए चिलुआताल की नए सिरे से तीन मीटर गहराई तक ड्रेजिंग की गई है। फरवरी 2021 से यूरिया प्लांट व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। 7500 करोड़ की लागत से बन रहे यूरिया प्लांट में रोज 3850 मिट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा।

कुतुबमीनार से दो गुना ऊंचा प्रीलिंग टॉवर

यूरिया प्लांट में दुनिया का सबसे ऊंचा प्रीलिंग टॉवर (यूरिया खाद का दाना बनाने का स्थान) बनकर तैयार हो गया है। धनतेरस के एक दिन पहले 149.5 मीटर ऊंचे प्रीलिंग टॉवर का काम पूरा हो गया। इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार (73 मीटर) से भी दोगुनी है। जापानी कंपनी द्वारा बनाये गए इसी टॉवर की 117 मीटर की ऊंचाई से अमोनिया गैस का लिक्विड गिराया जाएगा। अमोनिया के लिक्विड और हवा के रिएक्शन से नीम कोटेड यूरिया बनेगी।

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