जानिए कितना पुराना है बैतालपुर डिपो के आसपास पेट्रोल-डीजल का अवैध कारोबार
देवरिया के बैतालपुर डिपो के आसपास वर्षो से अवैध तेल का कारोबार हो रहा है। इस अवैध धंधे में इतना पैसा है कि कई बार छापेमारी, मुकदमा के बाद भी इसमें शामिल लोग इससे किनारा नहीं कर सकें। हर महीने करोड़ो...
देवरिया के बैतालपुर डिपो के आसपास वर्षो से अवैध तेल का कारोबार हो रहा है। इस अवैध धंधे में इतना पैसा है कि कई बार छापेमारी, मुकदमा के बाद भी इसमें शामिल लोग इससे किनारा नहीं कर सकें। हर महीने करोड़ो का तेल का धंधा करने वालों को अधिकारियों, पुलिस से लेकर कुछ सफेदपोशों का भी संरक्षण मिलता रहा है। नकली तेल की आपूर्ति पूर्वांचल के कई जिलों से लेकर नेपाल तक होती है। इस बार जिस प्रतिबद्धता से जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है उससे उम्मीद है कि तेल के खेल में लिप्त बड़े रैकेट का खुलासा होगा।
मिलावटी तेल के साथ ही टैंकरों से तेल चोरी का भी होता है यहां खेल
पूर्वांचल के दर्जन भर जिलों के अलावा नेपाल तक होता है तेल में खेल
बैतालपुर से गौरीबाजार के बीच में तेल चोरी करने को दर्जनों बनाए गए हैं हाते
तस्करों को पुलिस से लेकर सफेदपोशों तक का मिलता रहा है संरक्षण
बैतालपुर में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान ऑयल का डिपो है। इन डिपो से पूर्वांचल के एक दर्जन जिलों से लेकर नेपाल तक डीजल, पेट्रोल और केरोसिन की आपूर्ति की जाती है। यहां से रोज सैकड़ों टैंकर तेल भर कर निकलते हैं। इन टैंकरों से तेल चोरी करने और नकली तेल बनाने को बैतालपुर से लेकर गौरी बाजार के बीच सड़क के दोनों किनारों पर दर्जनों की संख्या में हाता बनाये गये हैं।
टैंकरों को रूकने के लिए बनाये गये इन हातो में ही तेल का खेल होता है। हाता में टैंकर घुसने के बाद उसका दरवाजा बंद कर दिया जाता है। डिपो के आस-पास के कुछ लोगों ने अपनी कीमती जमीनों और घर के पास हाता बनवाया है। अक्सर डिपो से टैंकर निकलने के बाद अपने गंतब्य की ओर जाने की बजाय इन हातों में घुसा दिये जाते हैं। यहां पर दो तरह का खेल होता है। एक तो टैंकर से उपकरण के जरिये तेल की चोरी की जाती है और दूसरे केरोसिन को केमिकल वाला पाउडर डालकर उसे डीजल व पेट्रोल में बदल दिया जाता है। फिर असली तेल निकालकर नकली तेल भर दिया जाता है। मोटी कमाई के चलते डिपो से चार-पांच किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों लोग इस धंधे में शामिल हो गये हैं।
अवैध कारोबार में हो चुकी है मौतें
दशक भर पहले अबैध तेल का धंधा करने के दौरान अग्निकांड में कुछ की मौत भी हो चुकी है। कई स्थानीय लोगों से लेकर टैंकर चालकों तक पर मुकदमा भी हो चुका है। इसके बाद भी कम समय में अमीर बनने की लालच में सैकड़ों लोग यह अबैध धंधा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। वर्षो से चल रहा तेल के इस अबैध करोबार पर अंकुश लगाने की बजाय यह दिनोदिन बढ़ता गया। इसकी वजह इसमें मोटी कमाई है। सूत्र बताते हैं कि इस कमाई में सभी का हिस्सा बंधा होता है। बिना इनके संरक्षण का करोड़ों का यह अबैध धंधा एक दिन भी नहीं चल सकता है।
तेल तस्करी से कईयों ने कुछ साल में बना ली करोड़ों की संपत्ति
बैतालपुर डिपो से होने वाले तेल की तस्करी और मिलावट के धंधे से कईयों ने कुछ ही वर्षो में करोड़ो की संपत्ति खड़ी कर ली है। कुछ ने इस अवैध कमाई से कई जगह जमीन, मकान और कई वाहन तक खरीद लिये हैं। ऐसे लोग डिपो और इसके आस-पास के अबैध करोबारियों पर अपना हनक बनाये रखते हैं। कुछ ही साल में करोड़ों की संपत्ति खड़ी करने वाले डिपो के आस-पास कारोबार करने वालों और इसे संरक्षण देने वालों के आय के स्रोत की जांच हो तो बड़ा खुलासा हो सकता है। इस गिरोह का पूर्वांचल के दर्जन भर जिलों के अलावा नेपाल में तगड़ा नेटवर्क हैं। सूत्रों की माने तो सबसे अधिक नकली तेल की खपत नेपाल में की जाती है।
7 साल बाद अवैध कारोबार पर पड़ा है छापा
करीब सात साल बाद अवैध करोबारियों पर छापेमारी की कार्यवाहीं हुई है। एक दशक में तीन-चार बार बड़ी छापेमारी हो चुकी है। इसमें 50 से लेकर 70 हजार लीटर तक तेल, सैकड़ों ड्रम, गैलन व तेल निकालने के उपकरण आदि बरामद हुआ था। लेकिन कुछ वर्षो से अधिकारी डिपो के आस-पास होने वाले तेल में खेल की अनदेखी करते रहे हैं। जिससे चलते इस अबैध करोबार का दायरा बढ़ता ही गया। बताया जाता है कि इसकी वजह करोड़ो इस अबैध करोबार में पूरी ईमानदारी से सबका हिस्सा मिलता रहा है, जिसके चलते इस पर कोई अंकुश लगाने का प्रयास नहीं किया।
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