तैयार होगी शस्त्र रजिस्टरों की पीडीएफ फाइल

शस्त्र रजिस्टरों में छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने अहम फैसला लिया है। अब सभी रजिस्टरों की पीडीएफ फाइल तैयार की जाएगी। डीएम ने शस्त्र सहायकों को निर्देश दिया है कि 45 दिन के...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरThu, 5 Dec 2019 01:31 AM
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शस्त्र रजिस्टरों में छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने अहम फैसला लिया है। अब सभी रजिस्टरों की पीडीएफ फाइल तैयार की जाएगी। डीएम ने शस्त्र सहायकों को निर्देश दिया है कि 45 दिन के अंदर सभी रजिस्टरों की सीरियल वाइज पीडीएफ फाइल बना लें ताकि आगे से कोई दिक्कत या किसी भी प्रकार की दुविधा न हो। पीडीएफ बन जाने से फर्जीवाड़े की आशंका भी नहीं रहेगी।

डीएम के. विजयेन्द्र पाण्डियन के निर्देश पर शस्त्र अनुभाग में इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शस्त्र लिपिकों को यह कार्रवाई 45 दिन के भीतर पूरी करनी है। पीडीएफ फाइल बन जाने के बाद सभी रिकॉर्ड तीन जगह सुरक्षित किए जाएंगे ताकि अगर भविष्य में कोई एक न मिले तो दूसरे से काम चलाया जा सके। पीडीएफ फाइल कम्प्यूटर के साथ ही पेन ड्राइव और सीडी में भी सुरक्षित रहेगी।

फट गए हैं कई रजिस्टर, बिखर रहे हैं पन्ने : अगस्त में शस्त्र फर्जीवाड़ा सामने के आने सभी शस्त्र रजिस्टरों को जांच के लिए जब्त कर लिया गया था। जांच के दौरान कई बार रजिस्टर के पन्नों के पलटने से कई पन्ने उखड़ गए तो कई फट भी गए। ऐसे में रजिस्टर के अस्तित्व को बचाने के लिए पीडीएफ फाइल बनाने का फैसला लिया गया है। शस्त्र रजिस्टर को पीडीएफ बनाए जाने का उद्देश्य कूटरचित कार्यों को रोकना है। जब सभी दस्तावेज पीडीएफ में बदल जाएंगे तो उसमें कूटरचित काम करने की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

कई शस्त्र रजिस्टरों में हुई थी छेड़छाड़

वर्तमान समय में जेल में बंद शस्त्र बाबुओं ने शस्त्र अनुभाग में रहते हुए शस्त्र रजिस्टरों से खूब छेड़छाड़ की थी। कई रजिस्टर में एक नम्बर के आगे दो नाम चढ़ा दिए गए थे। कई नामों के ऊपर सफेद चिप्पी चिपका दी गई थी। ऐसा भी मामला पकड़ में आया जिसमें कई नामों के आगे फर्जी यूआईडी नम्बर तक चढ़ा दिए गए थे। ऐसे शस्त्र धारक जिनकी मृत्यु हो गई थी उनके नाम के आगे भी फर्जी नाम चढ़ाए गए थे।

शस्त्र रजिस्टरों को सुरक्षित रखने के लिए इनका पीडीएफ बनवाया जा रहा है। इसके लिए शस्त्र लिपिकों को 45 दिन का समय दिया गया है। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी।

के. विजयेन्द्र पाण्डियन, डीएम

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