सीएचसी लाइव: मशीन, रसायन व कर्मचारी मौजूद, नहीं हो रही जांच

प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में जांच व इलाज की सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती है। अधिकारियों की लापरवाही से सरकार की मंशा पर पानी फिर जा रहा है। इसका एक उदाहरण सीएचसी है। यहां पैथोलॉजी को...

अफरुददीन गोरखपुरSun, 6 Aug 2017 08:03 PM
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प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में जांच व इलाज की सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती है। अधिकारियों की लापरवाही से सरकार की मंशा पर पानी फिर जा रहा है। इसका एक उदाहरण सीएचसी है। यहां पैथोलॉजी को आधुनिक बनाने के लिए चार महीने पहले मंगाई गई सेमी आटो एनॉलाइजर मशीन आज भी डिब्बे में बंद है। 

जिले के उत्तरी क्षेत्र में महराजगंज की सीमा पर स्थित सीएचसी बेहद महत्वपूर्ण हैं। तीन लाख की आबादी को इलाज यहां मयस्सर होता है। मरीजों को सीएचसी पर इलाज के साथ ही जांच की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए आधुनिक पैथोलॉजी लगाने का फैसला किया गया। 
सीएचसी पर बायोकेमिकल (सेमी ऑटो एनलाइजर) जांच मशीन उपलब्ध करायी गयी है।

इस मशीन से किडनी, लिपिड प्रोफाइल , लिवर, शुगर आदि विभिन्न जांचें होती होती है। इस मशीन की कीमत आठ लाख रूपये से अधिक बताई जा रही है। यहां तैनात लैब टेक्निशियन को दो माह पहले प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। इतना ही नहीं जांच के लिए किट(रसायन) भी उपलब्ध कराए जा चुके है। बावजूद इसके रोगियों को जांचके लिए दर-बदर भटकना पड़ रहा है। 

रसायन रखने के मानक हुए दरकिनार
खास बात तो यह है कि इस अस्पताल के पैथोलॉजी में अब तक एक अदद रेफ्रिजरेटर (फ्रीज) भी उपलब्ध नहीं हो सका है। इससे ब्लड ग्रुप, विडाल, एसजीपीटी जैसे जांच के लिए मिले रसायनों को खुले में रखा गया है। जबकि इन्हें दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखा जाना चाहिए। इसके लिए फ्रीज की दरकार है। कर्मचारियों की माने तो खुले में रखने के कारण रसायन की गुणवत्ता पर निश्चित रूप से असर पड़ा होगा। ऐसे में जांच रिपोर्ट में में गलती होने की आशंका बढ़ गई है। 

रोजाना 250 मरीज आते हैं ओपीडी में 
जिले उत्तरी क्षेत्र का महत्वपूर्ण अस्पताल है। इसमें 30 बेड हैं। ईटीसी भी है। 24 घंटे इमरजेंसी चलती है। रोजाना करीब 250 मरीज ओपीडी में इलाज कराने आते हैं। मशीन के डिब्बा बंद होने के कारण अस्पताल पर इलाज के लिए पहुंचने वाले रोगियो को जांच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। 

जांच के लिए कुछ मशीनें उपलब्ध हुयी है मगर कुछ कारणों से उन्हें सक्रिय नहीं किया जा पा रहा है।  इससे जांच नहीं हो पा रही है। यह सही है कि मरीजों को परेशानी हो रही है। मशीने कब तक सक्रिय करायी जाएंगी इसकी जानकारी नहीं है। 

डॉ. अजयदेव कुलियार, अधीक्षक सीएचसी भटहट 

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