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सिलेंडर डिलीवरी से बताना होगा ओटीपी, नये नियम से मुश्किल में फंस गए उज्ज्वला कनेक्शन धारक

गोरखपुर में रसोई गैस डिलीवरी के लिए ओटीपी की अनिवार्यता ने उपभोक्ताओं को समस्याओं में डाल दिया है। विशेषकर उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को मुश्किलें हो रही हैं, क्योंकि कई का मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है। गैस...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 7 Oct 2024 09:14 AM
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गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। रसोई गैस की कालाबाजारी रोकने और ग्राहक सेवा को और बेहतर बनाने के लिए आयल कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर की डिलीवरी में ओडीपी की अनिवार्यता कर दी है। इससे शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे उपभोक्ताओं को दिक्कत हो रही है, जिनका मोबाइल कनेक्शन के साथ लिंक नहीं है। सबसे अधिक दिक्कत उज्ज्वला गैस कनेक्शन वालों के सामने है, जिन्हें दिवाली से पहले फ्री सिलेंडर मिलना है। रसोई गैस की डिलीवरी अब डिलेवरी ब्वाय को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर पहुंचे डिलीवरी कोड बताने पर ही होगी। दरअसल, जिसके नाम से रसोई गैस का कनेक्शन है, उनके दस्तावेज में घालमेल है। गैस वितरण में आने वाली इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए गैस कंपनियों ने अब अपने उपभोक्ताओं के आधार प्रमाणीकरण के साथ ही उनके मोबाइल फोन नंबर को उनके कनेक्शन नंबर के साथ लिंक करने की अनिवार्यता की है। इसके लिए उनकी केवाइसी कराई जा रही है। जिन उपभोक्ताओं के फोन नंबर अपडेट नहीं हैं, उनके पास गैस एजेंसी से फोन पहुंच रहे हैं, कि वह अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा लें। अब सिलेंडर की बुकिंग के समय ही उपभोक्ता के पास एसएमएस के माध्यम से डिलीवरी कोड पहुंच जाएगा। इससे उपभोक्ता को यह पता चल जाएगा कि उसके सिलेंडर की बुकिंग हो चुकी है। इस व्यवस्था से सर्वाधिक मुश्किल में उज्ज्वला कनेक्शन वालों को होगी। वजह 2.82 लाख उज्ज्वला कनेक्शन धारकों में से एक लाख ने केवाईसी नहीं कराई है। साथ ही कईयों का मोबाइल नंबर भी अपडेट नहीं है। इंडियन आयल के अधिकारियों का कहना है कि रसोई गैस के लिए कंपनी द्वारा ओटीपी की व्यवस्था लागू किया गया है। इससे उपभोक्ताओं के सभी डेटा सही हो जा रहा है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को उनके खाते में सब्सिडी पहुंचने में आसानी हो रही है।

भटहट में एसेंसियों पर लग रही लंबी लाइन

भटहट। ओटीपी की अनिवार्यता से भटहट क्षेत्र के एजेंसियों पर लंबी लाइन दिख रही है। उपभोक्ताओं को मोबाइल बन्द होने या पासबुक गुम होने की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। रसोई गैस उपभोक्ता बैलों निवासी वसी मोहम्मद ने बताया कि गैस एजेंसी पर गया तो बिना ओटीपी के रसोई गैस नहीं मिल पाया। अगले दिन गैस की बुकिंग हुई मगर ओटीपी नहीं आया ऐसे में गैस नहीं मिल पाया। इसी प्रकार अजय कुमार ने बताया कि बिना ओटीपी के गैस नहीं मिल रहा है। जबकि कई लोगों के नम्बर या तो बन्द हो गए हैं या फिर बन्द हो चुके हैं। भटहट में एक एजेंसी के मालिक भाष्कर दत्त पांडेय ने बताया कि रसोई गैस के लिए कंपनी द्वारा ओटीपी की व्यवस्था लागू किया गया है। इससे उपभोक्ताओं के सभी डेटा सही हो जा रहा है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को उनके खाते में सब्सिडी पहुंचने में आसानी हो रही है।

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