नेटवर्क मेंटेनेंस का जिम्मा उठाने को यूपीडेस्को तैयार, निरीक्षण करेंगे इंजीनियर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज : यूपीडेस्को और इलेक्ट्रॉनिक इंडिया के अधिकारियों ने बीआरडी प्रशासन
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता बीआरडी मेडिकल कॉलेज में नेटवर्क मेंटेनेंस को लेकर शुरू हुई समस्या दूर होती नजर आ रही है। नेटवर्क मेंटेनेंस के लिए सरकारी संस्थान यूपीडेस्को इच्छुक है। यूपीडेस्को के अधिकारियों ने बीआरडी प्रशासन से संपर्क किया है।
यूपीडेस्को के इंजीनियरों की टीम अगले दो दिनों में मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करेगी। यह टीम सर्वर रूम नेटवर्किंग, इंटरनेट, लोकल एरिया नेटवर्किंग का मुआयना करेगी। उसकी खामियों की रिपोर्ट तैयार करेगी। खर्च का आंकलन कर मेडिकल कॉलेज प्रशासन को प्रस्ताव देगी। सरकारी संस्थान होने की वजह से मेडिकल कॉलेज प्रशासन को टेंडर का झमेला नहीं रहेगा। कॉलेज प्रशासन सरकारी संस्थाओं को बगैर टेंडर के सुविधा दे सकता है।
बीआरडी मेडिकल कालेज में बीते 12 दिनों से कंप्यूटर ठप हैं। आपके अपने समाचार पत्र हिन्दुस्तान ने मेडिकल कॉलेज के नेटवर्क खराब होने और कंप्यूटर ठप होने का मामला रविवार के अंक में उठाया था। इसके बाद से लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक सरकारी अमले में हड़कंप मचा हुआ है। मेडिकल कॉलेज में लगे सभी कंप्यूटर ठप है। इंटरनेट बंद है। लोकल एरिया नेटवर्किंग काम नहीं कर रहा। विभागों के बीच इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन नहीं हो पा रहा। इसके अलावा मरीजों से जुड़े काउंटरों पर भी काम ठप है। ओपीडी पर्चा काउंटर, मरीज भर्ती काउंटर, यूजर चार्ज काउंटर, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच काउंटर पर सबसे ज्यादा काम प्रभावित है। कुछ कर्मचारी अपना व्यक्तिगत मोबाइल डाटा खर्च कर कंप्यूटर से पर्चे निकाल पा रहे हैं। इसी दुश्वारी के कारण मेडिकल कॉलेज में सुबह 6 बजे से शुरू होने वाला ओपीडी काउंटर बंद हो गया है। अब आठ बजे ओपीडी काउंटर खुल रहा है।
प्राचार्य से यूपीडेस्को के अधिकारियों ने किया संपर्क
बताया जाता है कि यूपीडेस्को के अधिकारियों ने सोमवार को प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल से संपर्क किया। उनसे मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए नेटवर्क मेंटेनेंस की समस्या के बाबत जानकारी ली। इसके बाद यूपीडेस्को के अधिकारियों ने कैंपस व नेहरू अस्पताल के मुआयना का प्रस्ताव दिया। जिसको प्राचार्य ने स्वीकार कर लिया है। उधर, इलेक्ट्रॉनिक इंडिया के भी अधिकारियों ने प्राचार्य से संपर्क किया है। वह भी मेंटेनेंस के काम को संभालने की इच्छुक है। दोनों सरकारी संस्थाओं के एक्टिव होने से बीआरडी प्रशासन ने राहत की सांस ली है। प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया कि यह अच्छी पहल है कि सरकारी संस्थाएं कॉलेज में नेटवर्क के मरम्मत का कार्य संभालें। इसके मरम्मत पर जो खर्च आएगा उसका बिल और विवरण शासन को भेजा जाएगा। शासन इसका भुगतान संबंधित संस्थान को कर देगा। इन्हीं संस्थाओं से वार्षिक मरम्मत का अनुबंध भी किया जा सकता है।
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