गोरखपुर विकास प्राधिकरण के 14 भूखण्ड आवंटन के विज्ञापन पर रोक
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बुद्ध विहार पार्ट-ए के भूखंडों की नीलामी पर रोक लगाई है। यह मामला 2005 से विवादित है। प्राधिकरण को 15 दिनों में...
गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, नई दिल्ली ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से बुद्ध विहार पार्ट-ए के भूखंडों की नीलामी के लिए निकाले गए विज्ञापन पर रोक लगा प्राधिकरण को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इन भूखण्ड आवंटन का मामला साल 2005 से विवादों में है। हालांकि प्राधिकरण का कहना है कि आदेश की प्रति नहीं मिली है। आदेश मिलने के बाद उसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने बुद्ध विहार पार्ट-ए के भूखंडों की नीलामी के लिए 16 जुलाई को विज्ञापन निकाला था। इस विज्ञापन के खिलाफ वाद दाखिल करने वाली ललिता सिंह ने बताया कि 2004 में परियोजना में उन्होंने और अन्य लोगों ने 14 भूखंडों का आवंटन कराया था।
सभी आवंटियों ने भूखंडों को खरीदने के लिए पंजीकरण शुल्क जमा कर दिया था लेकिन प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष ने बिना किसी नोटिस और सुनवाई के सभी का आवंटन निरस्त कर दिया। इसके बाद सभी आवंटियों ने जिला उपभोक्ता फोरम गोरखपुर में वाद दाखिल किया।
फोरम ने प्राधिकरण के आदेश को निरस्त कर दिया। इस आदेश के विरुद्ध प्राधिकरण ने राज्य फोरम में अपील की थी। ललिता सिंह के मुताबिक 16 जुलाई को प्राधिकरण ने जब आवंटन के लिए विज्ञापन निकाला तो सभी आवंटियों ने प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन और मंडलायुक्त अनिल ढींगरा से मिल कर उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत कराया। इस विज्ञापन के विरुद्ध राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम में अपील की गई। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में प्राधिकरण को 15 दिन और वादी को प्राधिकरण के पक्ष पर 15 दिन में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
‘‘इस पूरे प्रकरण में राज्य फोरम से प्राधिकरण के पक्ष में निर्णय आया था। उसके बाद लोगों ने राष्ट्रीय फोरम में अपील की थी। निर्णय की कापी मिलने के बाद इस मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
- आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष जीडीए
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