यूपी बोर्ड के गौरव: ज्ञान के साथ ही छात्रों में देशभक्ति की भावना भरता रहा है एमपी कालेज

महाराणा प्रताप इण्टर कालेज सिविल लाइंस की स्थापना 1932 में गुडलक नाम से बक्शीपुर में हुई थी। हालांकि इसी वर्ष यह कालेज सिविल लाइंस में स्थापित हो गया। जहां इसका नाम जूनियर हाई स्कूल क्षत्रिय कालेज रख...

जितन्‍द्र पांडेय गोरखपुर Fri, 16 Feb 2018 04:12 PM
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महाराणा प्रताप इण्टर कालेज सिविल लाइंस की स्थापना 1932 में गुडलक नाम से बक्शीपुर में हुई थी। हालांकि इसी वर्ष यह कालेज सिविल लाइंस में स्थापित हो गया। जहां इसका नाम जूनियर हाई स्कूल क्षत्रिय कालेज रख दिया गया। 1937 में हाईस्कूल की मान्यता मिलने के बाद इसका नाम हाईस्कूल ऑफ गोरखपुर हो गया। 1946 में इंटर की मान्यता मिलने के बाद इस विद्यालय का नाम महाराणा प्रताप इंटर कालेज रखा गया।

इस विद्यालय की स्थापना तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर  महंत दिग्विजयनाथ ने की। उन्होंने इस विद्यालय की स्थापना युवाओं में देशभक्ति और अनुशासन का भाव उत्तपन्न करने के लिए किया था। इसलिए देशभक्त एवं राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप के नाम पर इस विद्यालय का नाम रखा। इस तरह से महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा प्रथम विद्यालय होने का गौरव भी इस विद्यालय को प्राप्त है। शैक्षिक यात्रा को 86 वर्ष पूरा कर चुका यह विद्यालय शिक्षा और खेल के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 

खेल के क्षेत्र में छात्रों द्वारा किए गए बेहतर प्रदर्शन पर इस विद्यालय को प्रदेश सरकार द्वारा खेल विद्यालय की संज्ञा भी दी गई है। इसमें हाईस्कूल स्तर पर कला, विज्ञान, वाणिज्य, कम्प्यूटर की और इण्टरमीडिएट स्तर पर मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, व्यावसायिक की मान्यता है। स्थापना काल में इस विद्यालय के पहले प्रधानाचार्य के रूप में पंडित यदुनाथ चक्रवर्ती को नियुक्त किया गया। इनके कार्यकाल में यह विद्यालय हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रदेश स्तर पर अपनी शाख बनाई। यहां से पढ़कर निकले छात्रों ने खेल, शिक्षा, स्काउटिंग सहित सभी क्षेत्रों में अपना नाम रोशन किया और उच्च पदो पर कार्य कर रहे हैं।
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यहां से पढ़कर निकले छात्र इन पदों हुए नियुक्त
प्रो. राम अचल सिंह (पूर्व कुलपति फैजाबाद, अध्यक्ष उच्चतर शिक्षा आयोग), केडी शाही (पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद), एलपी पाण्डेय (शिक्षा निदेशक), आरपी शाही (मेजर जनरल), बीपी खण्डेलवाल (पूर्व शिक्षा निदेशक), राहुल सिंह (पूर्व हॉकी खिलाड़ी), सुब्रत चटर्जी (पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी ), अफाक अहमद (पूर्व रणजी खिलाड़ी), मनोज कुमार मिश्र (शिक्षाधिकारी), बजरंग बहादुर सिंह (विधायक)।

ये छात्र बने प्रोफेसर
विनय पाण्डेय (डीडीयू गोरखपुर), राजीव सिंह (यूपी कालेज बनारस), रवि प्रताप सिंह (डीडीयू गोरखपुर), अनन्त किर्ति तिवारी (सेण्ट्र एण्ड्रयूज महाविद्यालय), अवधेश सिंह (यूपी कालेज बनारस)। 

शिक्षकों और छात्रों को मिली ये उपलब्धि
-    डॉ. फूलचंद प्रसाद गुप्त को - श्रेष्ठतम शिक्षक का एवं भिखारी ठाकुर सर्जना पुरस्कार
-    विनोद कुमार निषाद को - स्काउटिंग में राष्ट्रपति पदक
-    विनय शंकर, और राहुल कान्दू को - स्वर्ण पदक और बब्बन मिश्र छात्रवृत्ति पुरस्कार 

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