31 जनवरी को लगेगा चंद्रग्रहण, ऐसे करें दोष निवारण के उपाय 

जनवरी के आखिरी दिन माघ शुक्ल पूर्णिमा को पूर्ण चंद्रग्रहण लग रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार ऐसे ग्रहण का संयोग डेढ़ सौ वर्ष बाद आया है। यह ग्रहण सायंकाल चन्द्रोदय के साथ ही प्रारंभ होगा और पूरी दुनिया...

हिन्‍दुस्‍तान टीम संतकबीरनगर Mon, 29 Jan 2018 12:31 PM
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जनवरी के आखिरी दिन माघ शुक्ल पूर्णिमा को पूर्ण चंद्रग्रहण लग रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार ऐसे ग्रहण का संयोग डेढ़ सौ वर्ष बाद आया है। यह ग्रहण सायंकाल चन्द्रोदय के साथ ही प्रारंभ होगा और पूरी दुनिया में दिखाई देगा। यह वर्तमान वर्ष का पहला और बीत रहे संवत का आखिरी ग्रहण होगा। 

ज्योतिषाचार्य ऊदन सिंह ने बताया कि आम तौर से चंद्रग्रहण आंशिक होते आए हैं। 31 जनवरी को लगने वाला पूर्ण चन्द्र ग्रहण डेढ़ सौ वर्ष बाद पड़ रहा है। इसे ज्योतिष की भाषा में खग्रास चंद्रग्रहण कहते हैं। ग्रहण लगते ही चन्द्रमा का रंग लाल नीला दिखाई देने लगेगा और धीरे-धीरे चन्द्रमा ग्रस्त हो जाएगा। यह ग्रहण भारत के साथ साथ अन्य कई देशों में भी पूर्ण दिखाई देगा।
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चन्द्रग्रहण का समय
चन्द्रग्रहण शाम 5:19 वजे शुरू होगा और रात 8:41 बजे चन्द्रमा को पूर्ण रूप से मुक्ति मिल जाएगी। ग्रहण का खग्रास काल 6:21 बजे से 7:38 बजे तक रहेगा। इस ग्रहण का सूतक काल 31 जनवरी को सूर्य उगते ही लग जाएगा। सुबह 6:18 बजे पूर्ण सूतक लगेगा। ग्रहण के सूतक काल से मुक्ति तक दान पुण्य का कार्य चलता रहेगा। ग्रहण का विभिन्न राशियों के हिसाब से अलग-अलग असर पड़ेगा। यह ग्रहण पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र तथा कर्क राशि में पड़ेगा।
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चन्द्रग्रहण काल में ऐसे करे उपाय :
ज्योतिषाचार्य ऊदन सिंह के अनुसार  जिसकी कुंडली चंद्रग्रहण योग से पीड़ित है, यानी चंद्रमा राहु की युति और चंद्रमा केतु की युति या दृष्टि है तो उस जातक का मन किसी काम में स्थिर नहीं होने देता है। वह व्यक्ति अपना विचार और काम बदलता रहता है। माता बीमार रहती है, आंख की रोशनी और मन की शान्ति खराब हो जाती है। चंद्र केतु के योग से जातक के टांग में दर्द, कमर में दर्द, पेशाब की समस्या, संतान की परेशानी होती रहती है। 

ऐसे में जातक मेहनत का काम करे और जितना मिल रहा उस पर भगवान को धन्यवाद दे, नहीं तो जातक को बीमारी, परेशानी या नुकसान बना रहेगा। इस प्रकार के योग वाले जातक का पैसा लोग लेकर दबा लेते हैं और उनके पैसे मारे जाते हैं। चंद्र-केतु वाले जातक को सर्दी, जुकाम और नजला की शिकायत अधिक होती है। इन सबके लिए उपाय है कि चांदी के दो कडे़ बनवाकर अपने बच्चे के पैर में या गाय के बछडे़ के पैर में पहना दें। अब अगर प्रतीक रूप में देखे तो जातक का संतान केतु है, पैर भी केतु है। चांदी चंद्रमा है। उसके पैर में पहनाने से चन्द्र-केतु का झगडा समाप्त हो जाता है जिससे बुरा प्रभाव  भी शान्त होगा।
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दूसरा उपाय : 
जातक का कान- केतु है और सोना- गुरु ग्रह है। इसलिए कान में सोना धारण करने से गुरू कायम हो जाता है। गुरू ग्रह केतु ग्रह का मित्र है और चंद्रमा का भी मित्र है दोनों का मित्र गुरू अब चंद्र और केतु की भी मित्रता करा देगा। अर्थात् चंद्र केतु को ठीक रखेगा और आपस में समझौता करवा देगा जिससे पीड़ित जातक को सुख शान्ति मिलेगी।
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चंद्रग्रहण पर सामान्य उपचार : 
नारियल, जौ, कच्चा कोयला, बादाम आदि की पोटली बनाकर अपने ऊपर से उसारा करके ग्रहणकाल में जल प्रवाहित किया जाना चाहिए।

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