दसलक्षण पर्व: अंतिम दिन ‘उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की हुई पूजा
गोरखपुर, निज संवाददाता। अंतिम दिन 'उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म' की पूजा के साथ मनाया। इस अवसर पर भगवान वासपूज्य नाथ का 108 रजत कलशों से अभिषेक और
गोरखपुर, निज संवाददाता। श्रीश्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर आर्य नगर दक्षिणी में मंगलवार को जैन धर्मावलंबियों ने दसलक्षण पर्व का दसवां और अंतिम दिन 'उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म' की पूजा के साथ मनाया। इस अवसर पर भगवान वासपूज्य नाथ का 108 रजत कलशों से अभिषेक और मोक्ष कल्याणक की पूजा की गई।
अध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने बताया कि ब्रह्मचर्य धर्म हमें आत्मनियंत्रण सिखाता है, जिससे इच्छाओं पर नियंत्रण के साथ गुणवान कर्मों की वृद्धि होती है। पर्व के अंतर्गत बुधवार को क्षमा वाणी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन श्रीजी का 108 रजत कलशों से पंचामृत अभिषेक और पूजन जय माल संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि क्षमा वाणी पर्व पर जैन धर्मावलंबी जगत के सभी प्राणियों से किए गए किसी भी कष्ट के लिए क्षमा मांगते हैं और क्षमा करते हैं।
इस अवसर पर ज्ञानेंद्र जैन, रोहित जैन, प्रखर जैन, गौरव जैन, डॉक्टर नवनीत काला, प्रशांत जैन, विनय जैन, अजय जैन, राजीव जैन, कमलेश जैन,बंटी जैन, शिखा जैन अल्पना जैन रिंकी जैन वर्तिका जैन सिम्मी जैन, इंदु जैन, मोना जैन आदि उपस्थित रहे।
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