हाथ ना धोने से बच्चों में मिल रहा 50 से 60 फीसदी संक्रमण
हैंड वॉश डे ------- संक्रमण की वजह से बच्चों में पीलिया, डायरिया और हेपेटाइटिस
गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। बच्चों को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए उनकी स्वच्छता का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है। जरा सी लापरवाही से बच्चों को हेपेटाइटिस से लेकर डायरिया, कोविड, पेट की बीमारियों और इंसेफेलाइटिस का खतरा हो सकता है। इसे लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज का बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रतिदिन 200 से 250 बच्चों का नमूना जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेज रहा है।
माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि हर दिन 200 से 250 बच्चों का नमूना जांच के लिए आता है। जांच में 50 से 60 फीसदी मरीजों में संक्रमण के कारण हाथ न धोने और हैंड हाइजीन हैं। यह संक्रमण मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने के बाद मिले हैं। इन बच्चों में हेपेटाइटिस के भी लक्षण पाए गए हैं। इसके अलावा बच्चों में डायरिया और पीलिया के भी लक्षण मिले हैं। बताया कि अस्पताल में आने के बाद संक्रमण की संभावना ज्यादा है। जांच में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। ऐसे में मरीजों की जांच हर दिन की जाती है। बताया कि हेपेटाइटिस ए और ई को संक्रामक हेपेटाइटिस कहा जाता है, जिसका संक्रमण रक्त के माध्यम से नहीं बल्कि दूषित जल और दूषित भोजन और (फ़िको-ओरल ट्रैन्स्मिशन) दूषित हाथों के सेवन से होता है।
कुपोषण का भी खतरा
सही तरीके से हाथ धोने की आदत डायरिया, कोविड, पेट की बीमारियों और इंसेफेलाइटिस से बचाव करती है। समय-समय पर हाथ धोने से न केवल बीमारियों से बचाव होता है, बल्कि कुपोषण से भी सुरक्षा होती है। गंदे हाथों से खानपान करने से पेट में कृमि संक्रमण हो जाता है और इससे कुपोषण की आशंका बढ़ जाती है।
सही तरीके से हाथ धोने की आदत डाल ली जाए तो संक्रमण से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। शौच जाने के बाद, खाना-खाने से पहले, आंख, मुंह, नाक, कान अथवा किसी भी चीज को छूने के बाद साबुन पानी से हाथ धोना आवश्यक है। हाथ धोने का इंतजाम न हो तब सेनेटाइजर का प्रयोग करें। हाथों की स्वच्छता से डायरिया के मामलों में 20 फीसदी तक कमी लाई जा सकती है।
-डॉ. आशुतोष कुमार दूबे, सीएमओ
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