नया गोरखपुर के लिए खरीदी गई जमीन से ठेकेदार ने की लाखों की मिट्टी चोरी, मुकदमा दर्ज
Gorakhpur News - गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। नया गोरखपुर योजना को लेकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा राजस्व
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। नया गोरखपुर योजना को लेकर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा राजस्व ग्राम बालापार और मानीराम में अधिग्रहित की गई 175 एकड़ जमीन से बड़े पैमाने पर मिट्टी खनन हो रहा है। मिट्टी खनन को लेकर जीडीए सचिव ने एनएचएआई के एक पेटी ठेकेदार के खिलाफ चिलुआताल थाने में नामजद तहरीर दी है। मामले में थानेदार ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना में विकास प्राधिकरण राजस्व ग्राम बालापार, मानीराम, रहमतनगर, सोनबरसा, महराजगंज, परमेश्वरपुर, बैजनाथपुर, विशुनपुर, देवीपुर, रामपुर गोपालपुर, ठाकुरपुर नंबर-1 व ठाकुरपुर दोयम में करार के आधार पर भूमि अर्जन की कार्यवाही कर रहा है। 3000 करोड़ रुपये की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्राधिकरण बालापार और मानीराम राजस्व ग्राम में 175 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर चुका है। प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित जमीन से अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर मिट्टी खनन किया जा रहा है। मिट्टी खनन की पुष्टि के बाद जीडीए के सचिव यूपी सिंह ने सोमवार को चिलुआताल थाने में एनएचएआई के पेटी ठेकेदार कुलवंत सिंह के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। जीडीए सचिव यूपी सिंह का कहना है कि ठेकेदार द्वारा बड़े पैमाने पर मिट्टी खनन कराया गया है। चिलुआताल थाने में कुलवंत सिंह के खिलाफ तहरीर दे दी गई है। ड्रोन सर्वे से पता किया जा रहा है कि कितने घन फीट मिट्टी का खनन हुआ है। एनएचएआई को पत्र लिखकर ठेकेदार का भुगतान रोकने की मांग की जाएगी। इसकी रिकवरी भी कराएंगे। पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
10 फीट तक खोद डाली मिट्टी
जीडीए सचिव यूपी सिंह ने मंगलवार को मुख्य अभियंता किशन सिंह के साथ मिट्टी खनन को लेकर बालापार और मानीराम ग्राम सभा का दौरा कर निरीक्षण किया। दर्जन भर स्थानों 4 से 10 फीट तक मिट्टी खनन किया गया है। तीन से चार स्थानों पर तो खनन के चलते कृत्रिम पोखरा वजूद में आ गया है।
ड्रोन सर्वे का निर्देश
सचिव यूपी सिंह ने मिट्टी खनन को लेकर ड्रोन सर्वे का निर्देश दिया है। जीडीए की टीम ड्रोन सर्वे से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितनी मिट्टी खोदी गई है। सचिव का कहना है कि बुधवार तक ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट आ जाएगी। जिसके बाद एनएचएआई के मुख्य अधिकारी को पत्र लिखकर संबंधित ठेकेदार के भुगतान से कटौती की मांग की जाएगी।
ऐसे पकड़ी गई ठेकेदार को चोरी
प्राधिकरण के अधिकारियों को बालापार और मानीराम में ग्रामीणों की मदद से मिट्टी खनन का पता चला तो पड़ताल की गई। ठेकेदार से किसान बनकर बात की गई। जिसपर वह मिट्टी खनन के लिए 1000 रुपये प्रति डिसमिल के हिसाब से भुगतान करने को राजी हो गया। साक्ष्य के तौर पर इसकी रिकॉर्डिंग भी सुरक्षित कर ली गई है। जीडीए के अधिकारियों के मुताबिक, मिट्टी खनन में कई भूमि माफिया भी शामिल हैं। इस कार्य में दर्जन भर पोकलैंड और जेसीबी लगाई गई है। पूरी रात्रि मिट्टी खनन की सूचना है। मिट्टी खनन में जो भी शामिल है, सभी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति का दावा अधिकारी कर रहे हैं।
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