नेपाल में भी गहरी हो रहीं विद्यार्थी परिषद की जड़ें, बढ़ रही ‘प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद की धमक
नेपाल में विद्यार्थी परिषद की जड़ें गहरी हो रही हैं। प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद, जो एबीवीपी के साथ मिलकर काम कर रहा है, की सदस्य संख्या 26 हजार तक पहुंच गई है। दोनों संगठन साझा संस्कृति का...
नेपाल में भी गहरी हो रहीं विद्यार्थी परिषद की जड़ें, बढ़ रही ‘प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद की धमक गोरखपुर, निज संवाददाता।
विद्यार्थी परिषद की जड़ें देश से बाहर नेपाल में भी गहरी हो रही हैं। भारत के मित्र देश नेपाल के छात्र संगठन प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद ने एबीवीपी के साथ जो जुगलबंदी शुरू की है, उसकी मिसाल कहीं और नहीं मिलती। दोनों ही संगठन एक आत्मा की तरह साझा विचारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। नेपाल में तेजी से पांव पसार रहे प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद के सदस्यों की संख्या करीब 26 हजार पहुंच गई है।
भारत में जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्य करता है, उसी तरह नेपाल में ‘हिन्दू स्वयंसेवक संघ काम करता है। प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद, हिन्दू स्वयंसेवक संघ का ही विद्यार्थी फ्रंटल है। विद्यार्थी परिषद भी उसे खुद से अलग नहीं मानता। यही वजह है कि एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में नेपाल का भी प्रतिनिधिमंडल शामिल है। नेपाल से आया 72 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी दोनों देशों की साझी संस्कृति और विरासत का प्रचार-प्रसार कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल में प्रविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री नारायण प्रसाद ढकाल, सह संगठन मंत्री रमेश कड़ेल समेत 18 पूर्णकालिक सदस्य हैं।
प्रविप के पूर्णकालिक सदस्यों महेन्द्र ढुंगाना, संतोष शर्मा पौड़ेल, दुर्गेश मंडल और महिला सदस्य दिपा ओली ने बताया कि विचारों से प्रभावित होकर उसके जुड़ने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नेपाल में भी प्रविप का अधिवेशन होता है तो वहां भी एबीवीपी का प्रतिनिधिमंडल शामिल होता है। हम एक दूसरे की संस्कृतियों का भी आदान-प्रदान कर रहे हैं।
छात्रों को भा रही नेपाली टोपी
आयोजन स्थल पर प्रविप के कार्यकर्ताओं ने भी स्टॉल लगाए हैं। स्टॉल पर नेपाली ढाका टोपी, नेपाली पर्स, रुद्राक्ष व खादा (साफा) रखा गया है। इस स्टॉल पर सुबह से लेकर रात तक छात्र-छात्राएं पहुंच रहे हैं। नेपाली टोपी को खूब पसंद किया जा रहा है। कुछ छात्र उसे खरीद रहे हैं तो कुछ टोपी पहनकर सेल्फी ले रहे हैं।
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