गांव में दिव्यांगों की होगी पहचान, तैनात होंगे दिव्यांग मित्र
Gorakhpur News - पहल प्रदेश में पहली बार गांव के युवाओं को दी जा रही ट्रेनिंग सीआरसी

पहल प्रदेश में पहली बार गांव के युवाओं को दी जा रही ट्रेनिंग
सीआरसी देगा 6 महीने की ट्रेनिंग, सिखाएगा पहचान और पुनर्वास
गांव में मौजूद दिव्यांगों को सीआरसी से जोड़ेंगे दिव्यांग मित्र
गांव के दिव्यांगों को पुनर्वास सुविधा भी दिलाएंगे दिव्यांग मित्र
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। गांव में मौजूद दिव्यांगों की पहचान के लिए केंद्र सरकार ने अनोखी पहल की है। केंद्र सरकार गांव के युवाओं को दिव्यांगों की पहचान और पुनर्वास के लिए ट्रेनिंग देने जा रही है। केन्द्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर यह ट्रेनिंग देशभर के 17 संस्थानों पर दी जा रही है। जिसमें पांच केंद्रीय संस्थान और 12 सीआरसी शामिल हैं। इस सूची में सीआरसी गोरखपुर भी शामिल है।
देश में इस प्रकार का अभियान पहली बार शुरू हो रहा है। खास बात यह है कि इस अभियान के जरिए गांव व कस्बों में दिव्यांग मित्र तैयार किए जाएंगे। यह दिव्यांग मित्र 30 से 50 हजार की आबादी पर रहेंगे। यह इस आबादी में दिव्यांगों की पहचान करेंगे। उन्हें पुनर्वास अभियान से जोड़ेंगे।
छह महीने का होगा कोर्स, मिलेगा प्रोत्साहन भत्ता
सीआरसी में इसके लिए नया कोर्स शुरू किया गया है। इस कोर्स का नाम है सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन कम्यूनिटी बेस्ड इन्क्लूसिव डेवलपमेंट (सीबीआईडी)। यह कोर्स छह महीने का होगा। गोरखपुर सीआरसी में इसके लिए 40 सीट है। इसके पहले बैच में 33 छात्रों ने प्रवेश लिया है। सीआरसी के निदेशक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि इस कोर्स के लिए हाई स्कूल पास युवा आवेदन कर सकते हैं। इस कोर्स की फीस 20 हजार रुपए है। इसमें 18 हजार रुपए केन्द्र सरकार देगी। जबकि छात्र को महज दो हजार रुपए देने होंगे। खास बात यह है कि पहली बार में ही कोर्स को पूरा करने और परीक्षा पास करने पर छात्रों को शुल्क वापस कर दिया जाएगा। जबकि दिव्यांगों को शुल्क वापस करने के साथ ही दो हजार रुपए और वजीफे के तौर पर दिए जाएंगे। इस कोर्स में छह महीने की ट्रेनिंग युवाओं को दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद युवा दिव्यांग मित्र के तौर पर तैनात हो सकते हैं। इस ट्रेनिंग में युवाओं को दिव्यांगों की पहचान व पुनर्वास की जानकारी दी जाएगी।
स्कूलों में तैनात हो सकते हैं दिव्यांग मित्र
सीआरसी के निदेशक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि केंद्र सरकार ने दिव्यांग मित्रों के लिए वृहद योजना तैयार की है। यह दिव्यांगों की शीघ्र पहचान करेंगे। उन्हें सीआरसी से जोड़ेंगे। सरकारी योजनाओं से जोड़ेंगे। भविष्य में दिव्यांग मित्रों को प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में तैनात करने की योजना है। जिससे वहां पढ़ने वाले छात्रों को पुनर्वास में मदद दिया सके। यह दिव्यांग मित्र स्कूलों में शिक्षा मित्र के तर्ज पर तैनात होंगे। यहीं गांव में पुनर्वास सेवाएं देंगे।
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