धुंए से पूरी रात बेचैन रहे चिड़ियाघर के जानवर
गोरखपुर के चिड़ियाघर में अस्पताल के पीछे लगी आग से धुएं के कारण जानवर पूरी रात बेचैन रहे। शेर और बाघ ने रातभर दहाड़ते रहे। चिड़ियाघर प्रशासन ने सुबह जानवरों की सेहत की जांच की, जिसमें घबराहट दिखाई दी।...
गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) अस्पताल के पीछे और जेमिनी गार्डेनिया अपार्टमेंट के ठीक सामने कचरे में लगी आग से फैले धुंए से चिड़ियाघर के जानवर मंगलवार की पूरी रात बेचैन रहे। बेचैनी इस कदर थी कि शेर और बाघ दहाड़ते दिखाई दिए। जबकि, नाइट सेल में वह शांत रहते हैं। बुधवार की सुबह चिड़ियाघर प्रशासन ने जानवरों के सेहत की जांच की तो घबराहट और बेचैनी दिखाई दी। देर शाम तक वह शांत हो गए। इसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने राहत की सांस ली है। वहीं, दूसरी तरफ कूड़े के ढेर में लगी आग की जानकारी होने के बाद मंगलवार की देर रात उसे बुझा दिया गया था। बुझाने के लिए कौन से नगर निगम की टीम आई या फिर जीडीए की इसकी जानकारी न तो चिड़ियाघर प्रशासन को हो पाई न ही स्थानीय लोगों को। लेकिन, आग बुझने के बाद स्थानीय लोग भी देर रात सुकून से सो सके। वरना वह भी धुंए से परेशान हो गए थे। बता दें कि चिड़ियाघर अस्पताल के पीछे लगी आग से करीब तीन दर्जन जानवर पूरी रात परेशान हुए। इन जानवरों में बाघ, शेर, तेंदुए से लेकर सनकनूर, राजकीय पक्षी सारस, बाज और तोते जैसे पक्षी भी शामिल थे। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि धुंए जानवरों के नाइट सेल में भर गया था।इसकी वजह से पूरी रात जानवर बेचैन रहे। सुबह उनके सेहत की जांच की गई तभी उनके अंदर घबराहट थी। देर शाम तक वह नार्मल हो गए थे। वहीं, पक्षी भी अब ठीक है। देर रात आग को बुझा दिया गया था। ऐसे में ज्यादा राहत मिल गई। अगर पूरी रात जलता तो जानवरों को ज्यादा दिक्कत हो सकती थी।
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