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बोले गोरखपुर: स्वच्छ पानी,सीवर और पक्की सड़क चाहिए

Gorakhpur News - गोरखपुर के वार्ड 44 में ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण और नागरिक सुविधाओं की कमी पर चर्चा हो रही है। स्थानीय निवासियों ने मोती जेल, नेहरू पार्क और हनुमानगढ़ी मंदिर जैसे स्थलों के विकास की मांग की है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSun, 16 Feb 2025 03:16 AM
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बोले गोरखपुर: स्वच्छ पानी,सीवर और पक्की सड़क चाहिए

Gorakhpur News: गोरखपुर का वार्ड संख्या 44 ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध है, लेकिन नागरिक सुविधाओं की कमी है। मोती जेल, नेहरू पार्क, बसंत सराय और हनुमानगढ़ी मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण से यहां पर्यटन को पंख लग सकते हैं। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकते हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में यहां के नागरिकों ने बुनियादी सुविधाओं के साथ प्रमुख स्थलों को धरोहर के रूप में संजोने की मांग उठाई। गोरखपुर। ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण न केवल हमारे इतिहास और विरासत को सहेजने में मदद करता है, बल्कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। गोरखपुर के वार्ड संख्या 44 बसंतपुर के निवासियों की मांग है कि सड़क, सीवर, पेयजल और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। नागरिकों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लगातार सात साल के कार्यकाल में वार्ड में काफी विकास कार्य हुए लेकिन यहां की धरोहरों के संरक्षण की दिशा में अब तक ध्यान नहीं दिया गया। लोगों ने सवाल किया कि 1857 के ज्ञात-अज्ञात क्रांतिवीरों की शहादत की गवाह मोती जेल और बसंत सराय अब नहीं तो कब संरक्षित की जाएगी? लोगों ने कहा कि आजादी की लड़ाई से जुड़ी लालडिग्गी पार्क की स्मृतियों को संरक्षित करने के लिए जवाहर लाल नेहरू पार्क सौंदर्यीकरण हो। प्राचीन काल से आस्था का केंद्र प्राचीन हनुमानगढ़ मंदिर का पयर्टन विकास किया जाए। इन कार्यो से न केवल नई पीढ़ी अपनी समृद्ध विरासत से अवगत होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। स्थानीय नागरिक लालडिग्गी पार्क से हाबर्ट बांध पर जाने वाले दोनों मार्गों पर लगने वाले जाम का भी समाधान चाहते हैं। वहीं, हाबर्ट बांध के चौड़ीकरण के लिए बांध के मध्य से पैमाइश कर सड़क चौड़ी करने का दबाव बनाते हैं। लोग वार्ड में स्थित समाज कल्याण विभाग के संत रविदास छात्रावास, बापू छात्रावास और ज्योतिराव फुले छात्रावास परिसर और उसके आसपास साफ-सफाई की मांग भी करते हैं। हरिलाल गौतम कहते हैं कि मोती जेल के पास अब काफी संख्या में सीसी सड़कें बन गईं, साफ-सफाई भी पहले की अपेक्षा काफी है लेकिन बंद पड़े सार्वजनिक शौचालय का नए सिरे से निर्माण होना चाहिए। तकिया मोहल्ला में क्षतिग्रस्त पड़ी जलापूर्ति पाइप लाइन बदलने के साथ गारबेज ट्रांसफर स्टेशन को आबादी से बाहर की जानी चाहिए।

गारबेज ट्रांसफर स्टेशन ने छीन लिया सुख-चैन

वार्ड के नागरिक इम्तियाज अली, सुशील अग्रहरी, रामू कुमार अग्रहरी कहते हैं कि मोती जेल के आसपास घनी आबादी है। मोती जेल को संरक्षित करने के बजाए उसी के साथ नगर निगम ने गारबेज ट्रांसफर स्टेशन बना दिया। हर दिन यहां 200 से अधिक ट्राली-ट्रेक्टर कचरा लेकर आते हैं। यहां तौल के बाद ाली होते हैं फिर दूसरे कैम्पेस्टर में भर कर डम्पिंग ग्राउंड में कचरा भेजा जाता है। 24 घंटे चलने वाले इस सिलसिले से उपजे शोर, दुर्गंध और मक्खियों की भरमार ने चैन छीन लिया है।

इसलिए खास है नेहरू पार्क

10 एकड़ में बना नेहरू पार्क, बोलचाल में लालडिग्गी पार्क तो इस्माइल पार्क भी कहलाता था। लालडिग्गी नाम का इतिहास सतासी राजाओं के दूसरे नंबर के भाई लाल बाबू से जुड़ता है। सतासी राजा बसंत सिंह ने बसंतपुर किला बनवाया तो भाई लाल बाबू किले के बगल में पोखरे के पास बसे जिसे लाल बाबू की डिग्गी कहा जाता। 1940 में जब पंडित जवाहर लाल नेहरू गोरखपुर आए तो लालडिग्गी पार्क में अंग्रेजों ने विरोध के बीच जस्टिस इस्माइल की बग्गी पर बैठ पार्क तक आए थे।

वार्ड की तीन सड़कों को सीसी बनाएं

बसंतपुर में सीताराम कुशवाहा के मकान से प्रजापति के मकान तक आरसीसी नाली व सीसी सड़क , लालडिग्गी चौराहे से शनिदेव मंदिर होते हुए सामुदायिक शौचालय तक सीसी सड़क और हार्बट बन्धा कृष्ण मन्दिर से तकियाघाट पुलिया तक 530 मीटर लम्बाई में सीसी सड़क निर्माण के लिए पार्षद द्वारा इस्टीमेट तैयार कराया गया है। स्थानीय लोगों की मांग है कि इन सड़कों के निर्माण के लिए पार्षद द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकृत कर जल्द इस पर काम शुरू कराया जाए।

मोती जेल: मिट रहीं वीरों की शहादत की निशानियां

1857 की क्रांति के अमर नायक क्रांतिकारी बाबू बंधु सिंह को फांसी से पहले अपनी सजा इसी जेल में काटनी पड़ी थी। कुछ इतिहासविदों के अनुसार सतासी के राजा बसंत सिंह ने बसंत सराय और मोती किले का निर्माण कराया। हालांकि कुछ लोग इसे बताते हैं कि औरंगजेब के चकलेदार काजी खलीलुर्रहान ने निर्माण कराया था। 1801 में जब अवध के तत्कालीन नवाब सआदत अली ने किला अंग्रेजों के हवाले कर दिया तो अंग्रेजों ने इसका इस्तेमाल 1857 की क्रांति के दौरान जेल के रूप में करना शुरू किया। परिसर में स्थित कुंआ, तब खूनी कुआं के नाम से जाना जाता। अंग्रेज इस कुएं यहां निकट ही स्थित पाकड़ के दो पेड़ को क्रांतिकारियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल करते थे। आज इनमें से एक पेड़ गिर चुका है।

आजादी का बिगुल फूंकने वाले शाहपुर के राजा शाह इनायत अली को फांसी यहीं दी गई। उनके साथ कई और क्रांतिकारियों को फांसी देने के लिए इसी पाकड़ के पेड़ पर लटकाया गया। जर्जर हो रहे इस भवन परिसर में चार बंदीगृह शेष बचे हैं। पहले इसमें डेढ़ दर्जन से अधिक कमरे थे। हर कमरे को चार भाग में बांटकर उनमें चार-चार कैदियों का रखा जाता था। परिसर में कभी जेलर का आवास, काठीखाना, धोबीखाना, बावर्ची खाना भी हुआ करता था, जो अब अस्तित्व में नहीं है। फिलहाल इसके कुछ हिस्से में नगर निगम के सफाई कर्मचारी निवास करते हैं।

शिकायतें

वार्ड में मौजूद क्रांतिकारियों की स्मृतियों को सहेजने पर काम नहीं।

गारबेज ट्रांसफार स्टेशन से दुर्गंध, शोर और मक्खियों से दिक्कत।

लालडिग्गी पार्क से हार्बर्ट बांध तक के मार्गों पर लगने वाला जाम।

समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों के पास गंदगी की भरमार।

तकिया मोहल्ले में क्षतिग्रस्त पाइपलाइन से दूषित आपूर्ति।

मोती जेल के पास बंद पड़े सार्वजनिक शौचालय से दिक्कत।

सुझाव

मोती जेल, बसंत सराय, नेहरु पार्क और हनुमानगढ़ी का पयर्टन विकास हो।

गारबेज ट्रांसफर स्टेशन घनी आबादी से दूर शिफ्ट हो।

जाम से निपटने के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनियों को एवं अतिक्रमण हटाया जाए।

समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों के आसपास साफ सफाई हो।

तकिया मोहल्ले में जर्जर जलापूर्ति पाइप लाइन को बदला जाए।

मोती जेल के पास बंद पड़े सार्वजनिक शौचालयों का पुनर्निर्माण हो।

हमारी भी सुनिए

जवाहर लाल नेहरू पार्क में सामुदायिक शौचालय पर ताला लगा है। पार्क के प्रवेश द्वार पर गाड़ियां खड़ी रहती हैं। इतने बड़े पार्क में जलापूर्ति, यूरिनल का अभाव है। पाथ वे भी क्षतिग्रस्त हैं।

-विवेक कुमार, लालडिग्गी

नगर निगम का जोर सिर्फ सम्पत्ति कर वसूलने पर है। महानगर के ऐतिहासिक जवाहर लाल नेहरू पार्क के रखरखाव और वहां सुविधाओं को लेकर कोई चिंता नहीं है।

-मनोज गुप्ता,एडवोकेट,रकाबगंज

दृष्टिबाधित छात्रों के राजकीय स्पर्श इंटर कॉलेज लालडिग्गी को जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त है। इस कारण दृष्टिबाधित छात्रों को काफी दिक्कत होती है लेकिन बनाया नहीं जा रहा है।

-अनिल आनंद, लालडिग्गी

बंसतपुर में संतरविदास छात्रावास, ज्योतिराव फुले छात्रावास और बापू छात्रावास हैं। इनमें रहने वाले छात्रों से पार्क में प्रवेश शुल्क लिया जाता है। छात्रावास के बाहर गंदगी हैं, यहां सफाई नहीं होती।

-नितेश कुमार, संत रविदास छात्रावास

बसंतपुर वार्ड का जवाहर लाल नेहरू पार्क एक वक्त शान हुआ करता था लेकिन आज यहां लगा ओपेन जिम क्षतिग्रस्त है। बच्चों के खेलने के लिए लगाए गए उपकरण बेकार हो चुके हैं।

-सुरेंद्र कुमार,लालडिग्गी

मोतीजेल का संरक्षण तो दूर नगर निगम ने वहां गारबेज ट्रांसफर स्टेशन बना दिया। इसके कारण शोर और गंदगी

से आसपास के लोगों का जीना मुहाल है।

-इम्तियाज, मोती जेल

हार्बर्ट बांध से जुड़े क्षेत्रों में छोड़े-बड़े ट्रांसपोर्ट खुल गए, जिन पर कोई लगाम नहीं है। दिन भर लगने वाले जाम की समस्या को सुलझाना चाहिए। ट्रांसपोर्टरों को ट्रांसपोर्टनगर भेजा जाए।

-सुशील अग्रहरी, हार्बर्ट बांधमोती जेल आजादी के नायकों की शहादत स्थली है। यहां शहीद बंधु सिंह को भी कैद रखा गया था। इसे धरोहर की तरह संरक्षित कर शहीद स्थली के रूप में विकसित करना चाहिए।

-डॉ दरख़शा ताजवर, मोती जेल

पार्क में लाइब्रेरी थी, उसे बंद कर दिया गया। लाइब्रेरी पुन: बहाल होनी चाहिए। पार्क में काफी संख्या में सुबह-शाम टहलने आते हैं लेकिन क्षतिग्रस्त ट्रैक से भय लगता है।

-अनंतलाल, बसंतपुर खास

नेहरू पार्क में महिलाओं के लिए सबसे बड़ी दिक्कत टॉयलेट की है। जो बना है, वह इस्तेमाल लायक नहीं। पार्क में ओपेन जिम भी क्षतिग्रस्त पड़ा है। इससे लोगों को दिक्कत होती है।

-विमला वर्मा, बसंतपुर

प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर के पास से अतिक्रमण हटा कर पयर्टन विकास कराना चाहिए। जवाहर लाल नेहरू पार्क के जुड़े मार्गों पर लगने वाले जाम का समाधान निकाला जाना चाहिए।

-विमल कुमार अग्रहरी, शेषपुर

नगर निगम में नामांतरण की गति काफी धीमी है। छह माह से लोग दौड़ रहे है, ढाई साल से फाइल अटकी है। इसके लिए विशेष शिविर लगा कर त्वरित गति से निपटारा कराया जाए।

-अमरनाथ गुप्ता,साहबगंज

तकिया मोहल्ले में कई स्थान पर जलापूर्ति की पाइप लाइनों में लीकेज है जिससे दूषित पेयजल की आपूर्ति होती है। कई बार शिकायत पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

-अनवर अहमद, बसंतपुर

बोले जिम्मेदार

गारबेज ट्रांसर्फर स्टेशन से हो रही दिक्कतों को लेकर नगर निगम सदन में धरने पर भी बैठा। पहले विश्वास दिलाया गया था कि वहां वैज्ञानिक ढंग से काम होगा कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं सहमत हूं कि गारबेज ट्रांसफर स्टेशन के कारण घनी आबादी में सौ-सवा सौ घरों में लोगों को दिक्कत हो रही है। जहां तक नेहरू पार्क के सौदर्यीकरण की बात है तो मेरे दबाव पर प्रस्ताव बना कर शासन में स्वीकृति के लिए भेजा गया है। आस्था के केंद्र हनुमान गढ़ी मंदिर के पयर्टन विकास के लिए भी प्रयास जारी हैं। मोती जेल के पास की सड़कों को सीसी बनाने के साथ जलनिकासी का इंतजाम कराया है।

बिजेन्द्र अग्रहरी, पार्षद

नेहरु पार्क के विकास के लिए राज्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत 26 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन में भेजा गया है। इस धनराशि से इस पार्क का सौंदर्यीकरण करते हुए इसे सुसज्जित किया जाएगा। मोती जेल के पास शौचालय का जल्द काम शुरू होगा। वार्ड में जलनिकासी के लिए आरसीसी नालियां और सीसी सड़कें बनाई जा रही हैं। कुछ सड़कों के लिए त्वरित योजना में प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा गया है। वार्ड में जाम और अतिक्रमण का समाधान कराया जाएगा। गारबेज ट्रांसफर स्टेशन के संचालन से उत्पन्न होने वाली शिकायतों के समाधान की कोशिश होगी।

संजय चौहान, मुख्य अभियंता,नगर निगम

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