विश्वविद्यालय विमर्श का केंद्र: प्रो. राजवंत राव
गोरखपुर विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजवंत राव ने विश्वविद्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोकतांत्रिकता और तार्किकता को बढ़ावा देने का महत्व बताया और कौशल विकास पर...
गोरखपुर, निज संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष और कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. राजवंत राव ने दर्शनशास्त्र विभाग में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विभागीय शोधार्थियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिकता, तार्किकता और तत्व-चिंतन को बढ़ावा देना है। कहा कि वह विश्वविद्यालयों को विमर्श के केंद्र मानते हैं, जहां सभी प्रकार के विचारों का आदान-प्रदान किया जाता है। उन्होंने कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि उत्तरदायित्वपूर्ण कुशल नागरिकों के माध्यम से ही श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण संभव है। इस अवसर पर डॉ. संजय राम, डॉ. रमेश चंद्र, डॉ. संजय तिवारी और डॉ. दीपक कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।
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