गंगा और इसकी सहायक नदियों का संरक्षण जरूरी: कुलपति
गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण के लिए कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों की राय और आकांक्षाओं का निर्माण...
गोरखपुर, निज संवाददाता। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों जैसे राप्ती और रोहिणी के संरक्षण के लिए विभिन्न हितधारकों की राय और आकांक्षाओं का निर्माण करना है। शुक्रवार को वह गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों के संरक्षण पर दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं। कुलपति ने कृषि संकाय के इस पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि प्रतिभागी इस कार्यशाला के माध्यम से ना सिर्फ स्वयं जागरूक होंगे बल्कि अन्य लोगों को भी जागरूक करेंगे। उन्होंने कृषि संस्थान में पुरातन छात्र संगठन बनाने पर जोर दिया। कृषि संस्थान के निदेशक प्रो. शरद चंद्र मिश्रा ने गंगा को भारत की प्राण रेखा कहते हुए इसकी पवित्रता को बचाए रखकर प्रदूषण मुक्त करने का आह्वान किया। उद्घाटन सत्र में मुख्य रूप से अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. राजवन्त राव, अधिष्ठाता लॉ संकाय प्रो. अहमद नसीम, उच्च शिक्षाधिकारी प्रो. अश्विनी मिश्र , प्रो. विमलेश मिश्र, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ. सरोज चौहान ने किया।
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