क्यूएस की एशिया रैंकिंग में गोरखपुर के डीडीयू और एमएमएमयूटी, यूपी के छह राज्य विश्वविद्यालयों को जगह
गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) ने क्यूएस एशियाई रैंकिंग में स्थान बनाया है। डीडीयू ने 240वां और एमएमएमयूटी ने...
गोरखपुर, निज संवाददाता। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित ‘क्यूएस ने बुधवार को एशियाई देशों के उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी कर दी। इसमें गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थान बनाने में सफल रहे हैं। डीडीयू ने लगातार दूसरी बार न सिर्फ जगह बनाई है बल्कि अपनी रैंकिंग में सुधार भी किया है। डीडीयू को दक्षिण एशियाई देशों में 240वां और एमएमएमयूटी को 292वां स्थान मिला है। एशिया में भी डीडीयू 751-800 के बैंड में तो एमएमएमयूटी 901 प्लस रैंकिंग के साथ सूची में शामिल हैं।
यूपी के छह राज्य विश्वविद्यालय शामिल
रैंकिंग में दक्षिण एशियाई देशों के टॉप 300 विश्वविद्यालयों में उत्तर प्रदश के छह विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ 222वीं रैंक के साथ उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शीर्ष पर है। डीडीयू और लखनऊ विश्वविद्यालय संयुक्त द्वितीय, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय 263वीं रैंक के साथ तृतीय है। एमएमएमयूटी और महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय संयुक्त चौथे स्थान पर हैं।
उत्तर प्रदेश में लखनऊ के साथ संयुक्त दूसरे स्थान पर डीडीयू
डीडीयू ने वर्ष 2024 की दक्षिण एशियाई देशों की रैंकिंग में 258वां स्थान प्राप्त किया था। वर्ष 2025 के लिए जारी दक्षिण एशियाई देशों की रैंकिंग में डीडीयू ने लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त 240वां स्थान हासिल किया है। इससे पहले वर्ष 2020-21 में डीडीयू ने पहली बार क्यूएस रैंकिंग में जगह बनाने में सफलता हासिल की थी। तब भारत के 100 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के बीच 96वें स्थान पर रहा था। पिछले वर्ष डीडीयू 801-850 के बैंड में शामिल रहा था। इस तरह एशिया और दक्षिण एशियाई देशों के बीच डीडीयू की रैंकिंग में सुधार हुआ है। डीडीयू प्रशासन के मुताबिकछले वर्ष की तुलना में एशियाई उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में लगभग 23.7 प्रतिशत की प्रगति हुई है।
पीएचडी स्टाफ श्रेणी में डीडीयू को 195वां स्थान
डीडीयू ने एशिया स्तर पर पीएचडी स्टाफ श्रेणी में 195वीं रैंक हासिल की है। अकादमिक और नियोक्ता प्रतिष्ठा में 401 प्लस स्थान प्राप्त किया है। प्रति पेपर उद्धरण, इनबाउंड एक्सचेंज छात्रों, अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क, अंतरराष्ट्रीय छात्र अनुपात, आउटबाउंड एक्सचेंज, छात्रों और प्रति अध्यापक पेपर के मापदंडों पर 501 प्लस के बैंड में अपनी जगह बनाई है।
बोलीं डीडीयू की कुलपति
गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि लगातार दूसरी बार क्यूएस की एशियाई देशों की रैंकिंग में शामिल होना गौरवपूर्ण उपलब्धि है। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में इस वर्ष रैंकिंग में सुधार भी हुआ है। यह विश्वविद्यालय की क्षमता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों के अथक प्रयासों से यह संभव हुआ है। आगे और बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।
एनआईआरएफ के बाद क्यूएस रैंकिंग में भी एमएमएमयूटी
एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के टॉप 100 विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थान में शुमार हुए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के खाते में एक और उपलब्धि दर्ज हो गई है। एमएमएमयूटी ने पहली बार क्यूएस रैंकिंग के लिए आवेदन किया था। पहले ही प्रयास में एमएमएमयूटी को यह सफलता मिली है। क्यूएस के एशियाई देशों की रैंकिंग में 901 प्लस स्थान और दक्षिण एशियाई देशों के बीच 292वां स्थान मिलने से एमएमएमयूटी में जश्न का माहौल है। एमएमएमयूटी प्रशासन के मुताबिक इसके पहले विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के लिए कभी आवेदन नहीं किया था। अगस्त में ही एमएमएमयूटी ने एनआईआरएफ रैंकिंग में इंजीनियरिंग श्रेणी में 84वां, देश के विश्वविद्यालयों में 94वां और भारत के राज्य विश्वविद्यालयों के बीच 40वां स्थान प्राप्त किया था। एमएमएमयूटी के आईक्यूएसी निदेशक प्रो. वीएल गोले ने बताया कि क्यूएस रैंकिंग में विभिन्न मानकों पर किसी भी संस्थान को परखा जाता है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार
कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों, पुरातन छात्रों और नियोक्ताओं को दी है। उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग से यह यह उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
बोले एमएमएमयूटी के कुलपति
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी ने कहा कि सभी की मेहनत से यह परिणाम आया है। आगे इस रैंकिंग को और ऊपर ले जाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर हम सभी को कार्य करना है। देश की सबसे प्रतिष्ठित एनआईआरएफ रैंकिंग में आने के बाद दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित रैंकिंग में शामिल होना गौरवपूर्ण उपलब्धि है
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