खाद कारखाना परिसर में हाइटेंशन तार दे रहा ‘टेंशन, दो कर्मचारियों के झुलसने से तूल पकड़ा मामला
गोरखपुर में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए सर्वे करते समय दो कर्मचारियों को हाईटेंशन तार के संपर्क में आने से जलने की चोटें आईं। दोनों का इलाज...
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) परिसर में वाच टॉवर पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए सर्वे करने गए एट्रोनिक कंपनी के दो कर्मचारियों का बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। एचयूआरएल प्रबंधन के मुताबिक, दोनों का वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया जा रहा है। रविवार को एचयूआरएल के इकाई प्रमुख दीप्तेन रॉय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि निजी फर्म के कर्मचारी सीसीटीवी के लिए सर्वे करने गए थे। इसी दौरान हाईटेंशन तार के चपेट में आने से दो कर्मचारी झुलस गए। इकाई प्रमुख ने बताया कि बिजली निगम के ट्रांसमिशन सेंटर के पास बनाए गए बाउंड्री के पास वाच टॉवर पर सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी लगाया जाना है। परिसर में बैरियर से लेकर सीसीटीवी लगाने की जिम्मेदारी दिल्ली की एट्रोनिक कंपनी को दी गई है। कंपनी के तीन कर्मचारी शनिवार को सीढ़ी लेकर सीसीटीवी लगाने के लिए सर्वे को जा रहे थे। इसी दौरान दो कर्मचारी करंट के चपेट में आ गए। इकाई प्रमुख ने बताया कि वहां से 33 केबीए और 11 केबीए का तार काफी नीचे से गुजर रहा है। संभव है इसी तार से सीढ़ी में करंट उतर गया हो। मौके पर तीन कर्मचारी थे। दो आगे थे एक पीछे था। दो करंट के चपेट में आ गए तो तीसरे को भी झटका लगा। तीसरे व्यक्ति ने अपनी फर्म को जानकारी दी। तत्काल ही सुरक्षा के साथ इलाज के इंतजाम किये गए। इकाई प्रमुख दीप्तेन रॉय ने बताया कि निजी फर्म के दोनों कर्मचारियों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में इलाज चल रहा है। उन्होंने एसी वार्ड में शिफ्ट किया गया है। झुलसे कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों से एचयूआरएल प्रबंधन की पूरी सहानुभूति है। श्री राय ने बताया कि बिजली निगम को पूर्व में भी हाईटेंशन तार की ऊंचाई मानक पर करने के लिए पत्राचार किया गया है। यह मामला एक बार फिर उनके संज्ञान में लाया गया है। इकाई प्रमुख ने बताया कि परिसर में सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए इंदिरा गेट से निर्माणाधीन फ्लाईओवर तक नई बाउंड्री का निर्माण किया जा रहा है। जिससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
ट्रांसमिशन सेंटर की जमीन की जगह दूसरी जमीन मांगी
इकाई प्रमुख ने कहा कि बिजली निगम का ट्रांसमिशन केन्द्र काफी बड़े एरिया में है। यह एचयूआरएल को ट्रांसफर हुई 598 एकड़ एरिया में है। ऐसे में बड़ी एरिया एचयूआरएल के प्रयोग में नहीं आ सकता है। ऐसे में जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है कि जितनी जमीन बिजली निगम के हाईटेंशन और अंडरग्राउंड केबिल की वजह से प्रभावित है, उतनी जमीन दूसरे स्थान पर एचयूआरएल को दी जाए।
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