गोरखपुर में खत्म होगा उर्वरक का संकट
गोरखपुर में अगले चार दिन में उर्वरक संकट समाप्त होगा। 50760 बोरी डीएपी और 22000 बोरी एनपीके सहकारिता विभाग और निजी क्षेत्र को उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों को आधार कार्ड और जोतबही लेकर उर्वरक खरीदने की...
गोरखपुर। मुख्य संवाददाता अगले चार दिन में गोरखपुर में उर्वरक संकट खत्म हो जाएगा। गुरुवार से रविवार तक 50760 बोरी डीएपी और 22000 बोरी एनपीके सहकारिता विभाग और निजी क्षेत्र को उपलब्ध करा दी जाएगी। इसकी शुरूआत गुरुवार को नकहा रैक प्वाइंट पर पारादीप फॉस्फेट लिमिटेड की डीएपी 9000 बोरी एवं एनपीके 5000 बोरी उपलब्ध होने के साथ होगी।
संयुक्त कृषि निदेशक डॉ अरविंद सिंह ने बताया कि गोरखपुर स्थित नकहा रैक प्वाइंट से कमशः इफको की डीएपी लगभग 10000 बोरी व एनपीके लगभग 17000 बोरी, हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रासायन लिमिटेड की डीएपी की 17760 बोरी के अलावा टीएसपी 5000 बोरी, इण्डियन पोटास लिमिटेड की डीएपी की 14000 बोरी और पारादीप फॉस्फेट लिमिटेड की डीएपी की 9000 बोरी एवं एनपीके की 5000 बोरी उपलब्ध होगी। इस प्रकार कुल 50760 बोरी डीएपी और 22000 बोरी एनपीके की रैक सहकारिता/निजी क्षेत्र में प्राप्त हो रही है। निजी क्षेत्र में प्राप्त फॉस्फेटिक उर्वरक का 30 प्रतिशत डीएपी 12228 बोरी एवं एनपीके 1500 बोरी सहकारिता क्षेत्र में दिया जाएगा।
आधार कार्ड एवं जोतबही लेकर जाए उर्वरक लेने
जिला कृषि अधिकारी डीपी सिंह ने किसानों से अपील किया कि कृषक भाई उर्वरक बिकी केन्द्रों से आधार कार्ड और खतौनी-जोतबही लेकर उर्वरक खरीद करने जाए। उर्वरक विकेताओं को निर्देशित किया गया है कि उर्वरक की बिक्री करते समय उर्वरक के विवरण को उर्वरक बिक्री रजिस्टर पर अनिवार्य रूप से अंकित करें। जिसमें कृषक का नाम पता, मोबाइल नम्बर, उर्वरक का नाम, जोतबही / खतौनी व बोई जाने वाली फसल का विवरण अंकित करें। निर्देशों का अनुपालन न करने वाले विक्रेताओं के खिलफ उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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