बीआरडी की मोर्चरी से बुजुर्ग का शव गायब, बदलने की आशंका
Gorakhpur News - लुंगी-कुर्ता में सोमवार को मोर्चरी में रखा गया था बुजर्ग का शव लुंगी-कुर्ता में सोमवार को मोर्चरी में रखा गया था बुजर्ग का शव परिवारीजन पहचान करने पह

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। बीआरडी के मोर्चरी से 70 साल के बुजुर्ग का शव गायब होने से सनसनी फैल गई है। परिवारीजनों का कहना है कि उनके बुजुर्ग का शव लुंगी और कुर्ता में रखा गया था, पुलिस जिसे पहचान करा रही है, वह जींस पैंट में है। मोर्चरी के जिम्मेदारों का कहना है कि शव गायब नहीं हुआ है, बदल गया है। फिलहाल बजुर्ग का शव मिलने बाद से पीएम के लिए ले जाए गए अज्ञात शव के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। आशंका है कि अज्ञात शव में बुजुर्ग के शव बदल गया और उनका अन्तिम संस्कार कर दिया गया है।
गुलरिहा क्षेत्र के हरसेवकपुर नंबर दो में सोमवार को एक बुजुर्ग का शव टीनशेड के मकान में मिला था, गुलरिहा पुलिस ने शिनाख्त करने के लिए शव को मोर्चरी में रखवा दिया था। होली के दिन जब परिजन बुजुर्ग से मिलने पहुंचे, तो मौत की जानकारी मिली। शनिवार को शव का पंचनामा कराने के लिए परिवारीजनों को पुलिस ने बुलाया तो मर्चरी में जींस पैंट में मिला शव देखकर परिवारीजनों ने पंचनामा कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद से गुलरिहा पुलिस शव ढूंढने में लगी है।
डेयरी का व्यापर करने आए और यहीं रह गए दुखी
देवरिया जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के कोरवां निवासी दुखी यादव करीब 25 वर्ष पहले अपने तीन भाइयों महंत, जीतन व अमरनाथ के साथ गुलरिहा क्षेत्र के हरसेवकपुर नंबर दो के शताब्दीपुरम कॉलोनी में जमीन लेकर डेयरी का व्यापार शुरु किए थे। व्यापार में घाटा होने पर तीनों भाई अपने गांव चले गए और बिना शादीशुदा दुखी यादव टीनशेड के मकान में रहने लगे। सोमवार को दुखी का शव टीनशेड के मकान में मिला था। जब शव मिला तो उनके शरीर पर एक सफेद कुर्ता, दाहिने कलाई में एक कड़ा तथा लूंगी था। गुलरिहा पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखकर परिजनों का इंतजार कर रही थी।
होली में भतीजा पहुंचा तब पता चला हो गई दुखी की मौत
इसी बीच होली के दिन जब दुखी का भतीजा संजीव यादव खाना लेकर चाचा के पास पहुंचा तो उनके मौत की जानकारी मिली। लोगों ने बताया कि शव को पुलिस ले गई है। उसी शाम गुलरिहा पुलिस से परिवारीजन मिले तो पोस्टमार्टम कराने के लिए अगले दिन उन्हें बुलाया गया। शनिवार की दोपहर मृतक के तीनों भाई मोर्चरी पहुंचे, पुलिस शव की शिनाख्त कराने लगी। परिजनों का कहना है कि जिस शव की शिनाख्त कराई जा रही है वह जींस पहने व्यक्ति का शव है। जबकि दुखी के दाहिने हाथ में कड़ा और शरीर पर कुर्ता और लूंगी था। जिसके बाद मर्चरी में रखे दूसरे शव की पहचान कराई गई लेकिन वह दुर्घटना के शव निकले। मोर्चरी से दुखी के शव के गायब होने से पुलिसवालों में हड़कम्प मच गया।
आसपास के लोगों ने दी पुलिस को सूचना
क्षेत्र के हरसेवकपुर नंबर दो के शताब्दीपुरम कालोनी निवासी जितेन्द्र कुमार त्यागी ने बताया था कि बगल के मकान में रहने वाले दुखी यादव उम्र 70 वर्ष सोमवार की सुबह जब दिखाई नहीं दिए तो आसपास के लोग देखने पहुंचे। पता चला की बुजुर्ग अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में पड़े हैं। जितेन्द्र ने डायल 112 व गुलरिहा पुलिस को सूचना दी। मुहल्ले को लोगों ने बताया कि मृतक अकेले रहता था।
तीन अज्ञात शव से बदलने की आशंका, तीनों का हो चुका है दाह संस्कार
दुखी का शव तीन अज्ञात शव से बदलने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि दुखी का शव जब से रखा गया है उसके बाद से तीन अज्ञात शव पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए। बताया जा रहा है कि इन्हीं शवों में दुखी का शव बदल गया है। फिलहाल गुलरिहा पुलिस जांच में जुट गई है। जिस थाने से वह शव आए थे उनके यहां फोन कर जानकारी जुटाई जा रही है।
72 घंटे में पीएम न कराने की लापरवाही भी
बुजुर्ग दुखी का शव सोमवार को पुलिस ने बरामद किया था। पुलिस को पता था कि करने वाले व्यक्ति का नाम दुखी है लेकिन उसके परिवारीजन कहां हैं और कब आएंगे यह पता नहीं था इस वजह से यह शव अज्ञात में ही मोर्चरी में दाखिल किया गया था। मोर्चरी में अज्ञात शव का 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम होता है इस हिसाब से बुजुर्ग के शव का गुरुवार को पोस्टमार्टम होना चाहिए था। लेकिन शुक्रवार को बुजुर्ग का भतीजा पहुंचा तब तक पीएम नहीं हुआ था और उसे शनिवार को बुलाया गया था उसके बाद से बाडी गायब है।
गुलरिहा इलाके में एक बुजुर्ग का शव मिला था, उनके परिवारीजन शनिवार को पहचान करने मोर्चरी पहुंचे तो मोर्चरी में रखा शव देखकर बताया कि यह उनके बुजुर्ग का शव नहीं है। मोर्चरी में उनके बुजुर्ग का शव कुर्ता और लुंगी में रखा था, जबकि वह शव जींस में है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
मर्चरी से शव की अदला-बदली में स्वास्थ्यकर्मी की कोई भूमिका नहीं होती है। पुलिस ही शव को लाती है। पहचान करती है। फिर पुलिस ही शव की शिनाख्त कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाती है। मर्चरी हाउस का काम केवल शेल्टर जैसा है। वहां तैनात स्वास्थ्यकर्मी की इसमें कोई भूमिका नहीं होती है।
डॉ. आशुतोष दूबे, सीएमओ
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