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बोले गोरखपुर: सीवेज और पार्कों की दुर्दशा से नाराजगी

Gorakhpur News - गोरखपुर में अमृत योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर सीवेज लाइन बिछाई गई, लेकिन रखरखाव की कमी के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। गिरधरगंज और अन्य क्षेत्रों में सीवेज जाम और लीकेज से समस्याएँ बढ़ रही हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSun, 30 March 2025 04:33 AM
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बोले गोरखपुर: सीवेज और पार्कों की दुर्दशा से नाराजगी

Gorakhpur news:अमृत योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर गिरधरगंज और आसपास के क्षेत्रों में सीवेज लाइन बिछाई गई, लेकिन रखरखाव और प्रशासनिक लापरवाही के कारण हालात और बदतर हो गए हैं। गिरधरगंज, गणेशपुरम, कैलाशपुरम, पार्वतीनगर, प्रबुद्धनगर, विशुनपुरवा, और झारखंडी कॉलोनी समेत तमाम इलाकों में सीवेज जाम और लीकेज की वजह से राहत की बजाय समस्या और बढ़ गई। पूरे इलाके में पार्कों की बदहाली लोगों की नाराजगी की वजह है। आवास विकास कॉलोनी झारखंडी में लोगों ने नागरिक सुविधाओं की हालत पर खुलकर बात की। गोरखपुर। गिरधरगंज कॉलोनी निवासी चंदन त्रिपाठी कहते हैं कि अमृत योजना में करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन सीवेज सिस्टम के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है। उत्तर प्रदेश जलनिगम नगरीय ने अमृत योजना के तहत जोन ए-1 के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में 192.02 करोड़ रुपये से सीवेज लाइन बिछाई। इस योजना में महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक, आवास विकास कॉलोनी झारखंडी, विशुनपुरवा, इंजीनियरिंग कॉलेज, महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर दो (आंशिक), झरना टोला (आंशिक), और गिरधरगंज (आंशिक) शामिल थे। 170 किलोमीटर लंबी सीवेज लाइन बिछाकर 17,560 घरों को जोड़ा गया, साथ ही 7,280 सीवेज कनेक्टिंग चैंबर भी बनाए गए। गिरधरगंज बाजार, विशुनपुरवा, प्रबुद्धनगर कॉलोनी, गणेशपुर कॉलोनी, कैलाशपुरम कॉलोनी और आवास विकास कॉलोनी झारखंडी की नालियों में सीवेज की क्षतिग्रस्त पाइपलाइन आसानी से दिखाई देती है। गणेशनगर कॉलोनी के संतराज बताते हैं कि आए दिन सीवेज जाम हो जाता है। पार्षद और जलकल विभाग से शिकायत के बाद चेंबर की सफाई होती है, लेकिन समस्या बार-बार उत्पन्न हो जाती है। महादेव झारखंडी के महेरवा क्षेत्र में अमृत योजना के तहत 15 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के परिसर में 5 एमएलडी क्षमता का एक और प्लांट बनाया गया। इसके बाद इसका रखरखाव जलनिगम नगरीय के जिम्मे था। विशुनपुरवा के सुरेश बताते हैं कि डेढ़ साल पहले इस योजना को जल निगम नगरीय ने नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया, लेकिन तब से स्थिति और खराब हो गई है।

पार्वतीनगर में सीवेज की बदतर स्थिति दिखाते हुए सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि उनकी 300 घरों की कॉलोनी में हर आठवां व्यक्ति सीवेज जाम की समस्या से जूझ रहा है। वे बताते हैं कि सीवेज के रखरखाव में लापरवाही से यह दिक्कत हो रही है। नगर निगम का जलकल विभाग सीवेज कनेक्शन व पाइपलाइनों के रखरखाव के लिए न तो पर्याप्त मानव संसाधन है और न ही आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था है।

जनता की मांग, संसाधन बढ़ाए जाएं : लोगों ने नगर निगम से सीवेज प्रणाली के बेहतर रखरखाव और निगरानी के लिए पर्याप्त मानव संसाधन और आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था करने की मांग की है।

सीसी सड़कें बने, जलनिकासी का हो इंतजाम: गिरधरगंज में मुकेश सिंह के मकान के आगे से आवास विकास मुख्य मार्ग तक 250 मीटर में सड़क क्षतिग्रस्त है। इस सड़क पर आरसीसी नाला और सीसी सड़क के साथ पटरी पर इंटरलाकिंग का काम कराने की स्थानीय नागरिक लम्बे समय से मांग कर रहे हैं। उधर न्यू कालोनी सिंघड़िया के विभिन्न गलियों में जलनिकासी का अभाव है। इंटरलाकिंग की सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। स्थानीय नागरिक संजय, शुभम और राजेंद्र कहते है कि कुल जोड़ ले तो 600 मीटर लम्बाई में आरसीसी नाली और सीसी सड़क बनाने की जरूरत है। वे बताते हैं कि पार्षद ने बताया है कि उन्होंने प्रस्ताव दिया है। उधर वार्ड में ही मकौली के आवास से प्रियंका अग्रहरी के आवास तक और उसे जुड़ने वाली तमाम छोटी छोटी गलियों की हालत भी खराब है। तकरीबन 650 मीटर लम्बाई में यहां भी सीसी सड़कें और आरसीसी नाली बनाने की आवश्यकता है।

पार्कों में गाड़ियों की पार्किंग, बच्चों के खेलने की जगह नहीं

गिरधरगंज वार्ड में जियो पार्क को छोड़ दे तो 22 की संख्या में छोटे-बड़े पार्क हैं, लेकिन ज्यादातर बदहाल स्थिति में हैं। आनंद साहनी बताते हैं कि लाल बहादुर शास्त्री पार्क वन विभाग को सौंपा गया था, लेकिन सिर्फ लोहे की जाली लगाकर छोड़ दिया गया। न सफाई हुई, न सौंदर्यीकरण। उधर राकेश बताते हैं कि पार्कों में लोग गाड़ियां खड़ी करते हैं। बच्चों-बुजुर्गो के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है। विक्रमजीत यादव कहते हैं कि सड़क किनारे पौधरोपण हुआ, पार्कों का सौंदर्यीकरण होना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहतर सुविधाओं वाले पार्क बनाए जाने चाहिए। उधर पंकज यादव ने कहा, ‘कुछ पार्कों में पाथवे बनाने का काम शुरू हुआ है, लेकिन बच्चों की पहुंच में ट्रांसफॉर्मर लगे होने से हादसे का खतरा है।

शिकायतें

सीवेज पाइपलाइन बार-बार जाम होने और लीकेज के कारण गंदगी और दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है।

सीवेज सिस्टम के रखरखाव और निगरानी के लिए पर्याप्त मानव संसाधन और उपकरण की कमी है।

कई घरों में सीवेज हाउस कनेक्शन सही तरीके से नहीं किए गए या क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

गिरधरगंज वार्ड में अधिकतर पार्क बदहाल स्थिति में हैं। कुछ ही पार्कों में गाड़ियों की पार्किंग हो रही है।

कई स्थानों पर सड़कों की हालत खराब है, और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश के समय जलभराव होता है।

सुझाव

जलकल को सीवेज पाइपलाइन की नियमित सफाई और रखरखाव के लिए प्रशिक्षित सफाईकर्मियों की तैनाती हो।

नगर निगम को नए जेटिंग मशीन, सक्शन मशीन की खरीद कर कर्मचारियों को संचालन के लिए प्रशिक्षित करे।

जलकल को चाहिए कि जिन घरों में कनेक्शन नहीं है, वहां तुरंत कनेक्शन उपलब्ध कराए। सीवेज पाइलाइन की सफाई हो।

पार्कों का सौंदर्यीकरण कर पार्को में ओपेन जिम और बच्चों के लिए झूले और पाथवे बनाए जाएं।

पार्क की अधिकांश सड़कें काफी बेहतर है, लेकिन शेष बची क्षतिग्रस्त सड़कों पर आरसीसी और सीसी सड़कों का निर्माण हो ताकि जलनिकासी हो सके।

बोले पार्षद

पिछले दो साल में वार्ड में काफी विकास कार्य किए गए, जिससे वार्ड के लोग खुश भी हैं। दो पार्कों को सुव्यवस्थित करने के लिए वन विभाग को दिया गया, लेकिन उम्मीद के मुताबिक काम नहीं हुआ। मेरी कोशिश रहेगी कि जल्द ही पार्कों की स्थिति में भी बदलाव आए। आए दिन सीवेज की समस्या के निदान के लिए जलकल कर्मियों की टीम वार्ड में लगी रहती है। नगर आयुक्त से मांग की गई है कि सीवेज की समस्या के समाधान के लिए जल्द निर्णय लिया जाए।

- रणंजय सिंह जुगनू, पार्षद, गिरधरगंज वार्ड

बोले लोग

मेरे घर के पास स्थित गिरधर कॉलोनी का लाल बहादुर शास्त्री पार्क वन विभाग को विकसित करने के लिए सौंपा गया था। लेकिन सिर्फ लोहे की जाली और पाइप से घेर दिया गया है।

-आनंद साहनी

महादेव झारखंडी आवास विकास कॉलोनी के पार्कों की स्थिति खराब है। पार्कों में लोगों ने गाड़ियों की पार्किंग बना ली है। बच्चों के खेलने के लिए कोई स्थान नहीं बचा, और निगम इस पर ध्यान नहीं दे रहा।

-राकेश त्रिपाठी

सड़क किनारे पार्षद के सहयोग से पौधरोपण कर ट्री गार्ड लगाकर सुरक्षा की गई है, लेकिन पार्कों के सौंदर्यीकरण पर काम होना बाकी है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुविधाजनक पार्क की जरूरत है।

-विक्रमजीत यादव

जल निगम ने सीवर कनेक्शन तो डाला, लेकिन रखरखाव नहीं किया। बार-बार शिकायत के बाद भी सीवर जाम हो जाता है। झारखंडी आवास विकास कॉलोनी में मेरे साथ दूसरे लोग भी परेशान हैं।

-हरिनंदन त्रिपाठी

हाउस कनेक्शन की देखभाल न होने से वे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सीवेज नालियों में बह रहा है, जिससे दुर्गंध और गंदगी है। मच्छर बड़ी संख्या में पनप रहे हैं। पार्षद के दबाव पर कभी-कभार सफाई होती है।

-प्रदीप कुमार सिंह

वैभव आयल स्टोर के पास सीवर आठ महीने से जाम है। मजबूरी में लोग हाउस कनेक्शन तोड़कर सीवेज नाली में बहा रहे हैं। कई घरों में सीवेज लीक हो रहा है, लेकिन मरम्मत नहीं हो रही।

-राजकपूर कन्नौजिया

गिरधरगंज में सड़कों के ऊंचे होने से मकान नीचे हो गए हैं। कई घरों के सीवेज कनेक्शन नहीं हुए, और जिनके हुए हैं, उनमें लीकेज की समस्या है। सफाईकर्मी नालियों की सफाई करने से भी बचते हैं।

-अनिल कुमार सिंह

मेरा मकान संख्या 682 है। सीवेज जाम होने से बैकफ्लो हो रहा है। मजबूरी में हाउस कनेक्शन तोड़ना पड़ा। अब बदबू से परेशान हूं। शिकायत पर जल निगम सिर्फ आश्वासन देता है।

-निर्वाण पाण्डेय

पीपरढाड़ा में मेरा मकान है। सीवेज का हाउस चैंबर बना लेकिन कनेक्शन नहीं मिला, जिनके कनेक्शन हुए थे, उन्होंने जाम होने पर तोड़ दिया। नाली में सीवेज बहाने की मजबूरी है।

-रूपा

सीवेज की समस्या बारिश में और विकराल हो जाती है। नगर निगम ने समय रहते रखरखाव के लिए संसाधन और प्रशिक्षित कर्मी नहीं तैनात किए तो इस बार भी जनता को परेशानी झेलनी पड़ेगी।

-प्रेममय शर्मा

गिरधरगंज वार्ड में करीब 22 छोटे-बड़े पार्क हैं, लेकिन दो-तीन को छोड़कर सब बदहाल हैं। बच्चों की पहुंच में ट्रांसफॉर्मर तक लगे हैं। कुछ पार्कों में पाथवे बनाने का काम शुरू हुआ है।

-पंकज यादव

आवास विकास कॉलोनी झारखंडी के अलावा गणेशपुरम, कैलाशपुरम और पार्वतीनगर में भी सीवेज लीक की समस्या है। सीवेज पाइप जाम होने पर लोग नालियों में ही सीवेज बहाने लगते हैं।

-अशोक कुमार तिवारी

बोजे जिम्मेदार

जब भी शिकायत मिलती है, सीवेज की समस्या का निस्तारण कराया जाता है। नए बढ़े सीवेज कनेक्शन के मद्देनजर जलकल अपने संसाधन भी बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में मोबाइल सेप्टेज डीवॉटरिंग व्हीकल, अत्याधुनिक बैंडीकूट रोबोट और 62 लाख रुपये की लागत से सीवर जेम्बर की डी-सिल्टिंग के लिए जेटिंग, ग्रैबिंग और रॉडिंग मशीन खरीदी

गई है।

-धीरज वर्मा, अवर अभियंता जलकल नगर निगम

वार्ड की सड़कों और पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिए प्रस्ताव मिला है। त्वरित योजना के तहत कुछ सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही स्वीकृति मिल

जाएगी। पार्कों को भी बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुविधा सम्पन्न बनाया जाएगा। सीवेज

संबंधी समस्याओं का समाधान थोड़ा समय ले रहा है, लेकिन जल्द ही उचित और स्थाई समाधान मिलेगा।

- संजय चौहान, प्रभारी मुख्य अभियंता,Ñ नगर निगम

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