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बेसहारा संक्रमितों के अंतिम संस्कार में जुटी गोरखपुर पुलिस

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता कोविड से मौत का मंजर काफी भयावह होता जा रहा है।

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSun, 2 May 2021 03:33 AM
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

कोविड से मौत का मंजर काफी भयावह होता जा रहा है। शव घर में पड़ा रह जा रहा है। अपने अन्तिम संस्कार के लिए सामने तक नहीं आ रहे हैं। ऐसे मुश्किल समय में पुलिस और स्वयं सेवी संस्थाएं मददगार बनी हैं। बेसहारों के शव को राजघाट तक पहुंचाने के लिए पुलिस हर संभव मदद भी कर रही है। रोजना इस तरह की दर्जनों कॉल डायल 112 पर आ रही है। यही नहीं पुलिस वाले खुद या फिर किसी संस्था के जरिये अंतिम संस्कार तक करा रहे हैं।

शुक्रवार को दो लोगों ने पुलिस से मदद मांगी। एक व्यापारी के घर में उनकी नौकरानी की लाश पड़ी थी। कोविड से मौत की वजह से परिवार का कोई सदस्य करीब नहीं जा रहा था। इस लिए इस परिवार ने ट्वीट के जरिये पुलिस से मदद मांगी तो एडीजी ने उन्हें मदद मुहैया कराई। आर्यनगर के रहने वाले व्यापारी श्रीकृष्ण लाल गुप्ता के घर कोतवाली पुलिस पहुंची और एंबुलेंस से नौकरानी का शव राजघाट तक पहुंचवाया। वहां कोविड के नियमों के तहत उसका अन्तिम संस्कार किया गया। वहीं दूसरी तरफ व्यापारी के घर को भी पुलिस कर्मियों ने सेनेटाइज कराया। यही नहीं पादीर बाजार में एक विधवा ने अपने पिता के अन्तिम संस्कार के लिए पादरी बाजार चौकी की पुलिस से मदद मांगी। चौकी पुलिस ने स्माइल रोटी बैंक संस्था के आजाद पाण्डेय से संपर्क किया।

आज़ाद ने दी विधवा बेटी के पिता को मुखाग्नि

पादरी बाजार क्षेत्र के मटरू का देहांत 29 अप्रैल की दोपहर 2 बजे हो गया था। घर में केवल एक विधवा बेटी थी, जो अपने पिता के अन्तिम संस्कार करने में असमर्थ थी। जिस कारण लाश घर में ही पड़ी रही। मोहल्ले के लोग झांकने तक नहीं आए। किसी व्यक्ति ने इसकी सूचना 29 अप्रैल की रात में डायल 112 पर पुलिस कंट्रोल रूम दी। चौकी इंचार्ज पादरी बाजार ने मौके पर पहुंच कर पूरी जानकारी की। उसके बाद उन्होंने स्माइल रोटी बैंक के सामाजिक कार्यकर्ता आजाद पांडेय से मदद मांगी। आजाद पाण्डेय बेसहारों का सहारा बनकर सामने आए। शुक्रवार को आजाद अपनी टीम के साथ कफ़न-बांस आदि की व्यवस्था के साथ पहुंचे। मटरू को कंधा दिया और शव को राजघाट तक ले गए। आजाद ने वहां मटरू की चिता सजाई और खुद मुखाग्नि दी। आजाद की वजह से एक विधवा बेटी के पिता का अन्तिम संस्कार हो सका।

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