14 केस में एक ही रात एफआर लगाने वाले दरोगाओं को नोटिस
शासन से जांच के आदेश के बाद बयान के लिए भेजा जा रहा दरोगाओं को नोटिसशासन से जांच के आदेश के बाद बयान के लिए भेजा जा रहा दरोगाओं को नोटिस 21 दरोगाओं ने
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता राज नर्सिंग एंड पैरा मेडिकल कॉलेज के संचालक अभिषेक यादव पर दर्ज 14 केस की विवेचना में क्लीनचिट देने के मामले में 21 विवेचकों का नाम सामने आया है। इसमें एक दरोगा की मौत हो गई है जबकि दो रिटायर हो गए हैं तो 14 की अन्य जिलों में वर्तमान में तैनाती है। मृतक को छोड़कर अन्य सभी विवेचकों को बयान दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है।
राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज में कूटरचित दस्तावेज तैयार करके निर्धारित से ज्यादा सीटों पर दाखिले का खेल शैक्षिक सत्र 2014-15 में सामने आया। अतिरिक्त सीट पर दाखिले की वजह से ही तमाम छात्र परीक्षा से वंचित हो गए थे। भविष्य तक दांव पर लग गया था। पीड़ित छात्रों ने अलग-अलग तहरीर देकर कोतवाली थाने में जनवरी से अप्रैल 2015 के बीच 14 केस दर्ज कराया था पर 23 मई 2016 को सभी मामलों में एफआर लगाकर अभिषेक यादव को बड़ी राहत दे दी गई थी। इस बीच 10 जनवरी 2022 को एक बार फिर कूटरचित दस्तावेज पर दाखिले का मामला सामने आया।
शासन स्तर से मिली तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने एक और केस दर्ज किया लेकिन अभिषेक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। बाद में छात्रों ने धरना-प्रदर्शन किया। गोरखनाथ मंदिर का घेराव तक करने पहुंच गए। पिपराइच में जाम लगाकर कॉलेज संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। इसी का नतीजा रहा कि तहसीलदार सदर ने 17 मार्च 2022 को पिपराइच थाने में एक और मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मामले में भी अभिषेक यादव को आरोपी बनाया गया। बाद में लखनऊ पुलिस ने भी अभिषेक यादव के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया। साथ ही 15 अप्रैल को गोरखपुर स्थित घर से गिरफ्तार करके जेल भिजवा दिया था।
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