उत्पादनरत होने का प्रमाण पत्र लेने के विरोध में उद्यमी संगठन
गोरखपुर में औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा सभी औद्योगिक इकाइयों को उत्पादनरत होने का प्रमाण पत्र लेने के लिए नोटिस जारी किया गया है। उद्यमियों का कहना है कि पुरानी इकाइयों को छूट मिलनी चाहिए। यदि...
गोरखपुर। मुख्य संवाददाता गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से नई-पुरानी सभी औ्रद्योगिक इकाइयों को नोटिस जारी कर उत्पादनरत होने का प्रमाण पत्र लेने का उद्यमी संगठनों में विरोध शुरू हो गया है। उद्यमियों का कहना है कि पुरानी इकाइयों के लिए यह व्यवस्था उचित नहीं है। इस मामले में उन्हें छूट मिलनी चाहिए। चेताया है कि एक सप्ताह और इंतजार करेंगे, उसके बाद आगे आंदोलन की रणनीति बनाएंगे।
गीडा में वर्तमान में लगभग 998 छोटी-बड़ी इकाइयां संचालित हो रही हैं। इनमें से लगभग 500 इकाइयों के पास उत्पादनरत होने का प्रमाण पत्र है। अब गीडा ने सभी इकाइयों को नोटिस जारी कर प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए हैं। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएन सिंह की मांग है कि 2010 के पहले स्थापित इकाइयों को इससे छूट मिलनी चाहिए। नई इकाइयों को भी दो साल में यह प्रमाण पत्र न लेने पर समय विस्तारीकरण लगाने को कहा गया है। यह उचित नहीं है। एक सप्ताह तक और इंतजार किया जाएगा। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आगे की रणनीति पर विचार नहीं किया जाएगा।
उधर लघु उद्योग भारती का कहना है कि 2017 के पहले की इकाइयों को छूट मिलनी चाहिए। तर्क है कि आयकर विभाग में अधिकतम आठ साल तक के प्रपत्र की ही जरूरत पड़ती है। पिछले दिनों इस प्रकरण को लेकर गीडा सीईओ से मुलाकात की गई थी। उन्होंने तीन कागज की शर्त रखी थी। उन्होंने कहा कि उद्यमियों के साथ वार्ता कर ऐसे नियम बनाने होंगे जिससे चलती फैक्ट्री प्रभावित न हो। यदि अधिक दबाव बनाया जाएगा तो कर्मचारियों के साथ धरना-प्रदर्शन को बाध्य होना पड़ेगा।
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