बड़े और मध्यम उद्योगों के स्टॉल के लिए देना होगा 50 हजार
गीडा के स्थापना दिवस पर 30 नवम्बर और एक दिसम्बर को लगेगी प्रदर्शनी गीडा सीईओ
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के स्थापना दिवस पर 30 नवम्बर और एक दिसम्बर को लगने वाली प्रदर्शनी में बड़े और मध्यम उद्योगों को स्टॉल के लिए 50 हजार रुपये शुल्क देना होगा। वहीं, लघु उद्योग का शुल्क प्रोडक्ट देखकर तय होगा। सूक्ष्म उद्योगों को स्टॉल के एवज में कोई शुल्क नहीं देना होगा। गीडा सीईओ ने चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएन सिंह से वार्ता कर शुल्क के संबंध में जानकारी दे दी है।
चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएन सिंह ने बताया कि उद्यमियों की सहमति के बाद प्रदर्शनी में 10 गुणे 10 के स्टॉल में प्रोडक्ट का प्रदर्शन होगा। वहीं, चैंबर ऑफ इंडस्ट्री और लघु उद्योग भारती की तरफ से करीब 40 यूनिटों का चयन प्रदर्शनी में प्रतिभाग के लिए कर लिया गया है। शैक्षणिक खिलौने और गिफ्ट के उत्पाद तैयार करने वाले आयुष गर्ग, प्रिंटिंग के शिरीष अग्रवाल, डिस्पोजल के सुधांशु टिबड़ेवाल स्टॉल लगाएंगे। वहीं नूडल्स और टोमैटो सास बनाने वाले राजकुमार अग्रवाल, राजेश अग्रवाल के साथ ही पैकेजिंग का काम करने वाली संगीता पांडेय भी स्टाल लगाएंगी। प्लास्टिक का जार बनाने वाले ओम बाबू अग्रहरि भी स्टॉल लगाएंगे।
डैक फर्नीचर और स्प्लाइस के उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगेगी। डैक फर्नीचर के डॉ.आरिफ साबिर का कहना है कि प्रदर्शनी से गीडा के उत्पादों के बारे स्थानीय के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों को जानकारी होती है। लघु उद्योग भारती के दीपक कारीवाल और चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आरएन सिंह का कहना है कि सूक्ष्म और लघु उद्योगों से प्रदर्शनी में स्टॉल के शुल्क को लेकर अपनी असहमति जता दी गई है। प्रदर्शनी में 100 स्टॉल गोरखपुर के उत्पाद के और 50 प्रदेश के अन्य जिलों के होंगे।
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