Hindi NewsUttar-pradesh NewsGorakhpur NewsGorakhpur Development Authority to Pay Rs 2 Crore Per Hectare Compensation After Court Ruling

ढाई सौ काश्तकारों ने जीती जंग, बढ़े मुआवजे के साथ ब्याज भी मिलेगा

Gorakhpur News - गोरखपुर। मुख्य संवाददाता 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3 3

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSat, 22 Feb 2025 05:18 AM
share Share
Follow Us on
ढाई सौ काश्तकारों ने जीती जंग, बढ़े मुआवजे के साथ ब्याज भी मिलेगा

गोरखपुर। मुख्य संवाददाता गोरखपुर विकास प्राधिकरण को जंगल सिकरी और सूबा बाजार में अधिग्रहीत जमीन पर अब दो करोड़ रुपये तक प्रति हेक्टेयर मुआवजा देना होगा। प्राधिकरण ने यहां काश्तकारों को सिर्फ 16 लाख रुपये हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया है। लारा कोर्ट ने दो अलग-अलग मुकदमों में सुनवाई में दिये गए निर्णय से करीब ढाई सौ काश्तकारों को बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। कोर्ट के आदेश के बाद जीडीए की बोर्ड बैठक में भी इस पर मुहर लग गई है। अधिग्रहीत भूमि पर प्राधिकरण खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना विकसित कर रहा है।

दो दशक पूर्व राजस्व ग्राम जंगल सिकरी उर्फ खोराबार एवं खोराबाकेर उर्फ सूबा बाजार में अधिग्रहीत जमीन के लिए प्राधिकरण 16 लाख रुपये हेक्टेयर के दर से मुआवजा दिया था। मुआवजे की दर को लेकर काश्तकार भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुर्न व्यवस्थापन प्राधिकरण (लारा कोर्ट) में चले गए थे। दो अलग-अलग मुकदमों में सुनवाई में लारा कोर्ट ने माना कि काश्तकारों को दिया गया मुआवजा बेहद कम है। कोर्ट के निर्णय के बाद अधिग्रहीत जमीन के ब्याज समेत बढ़े मुआवजे से प्रति हेक्टेयर तकरीबन 02 करोड़ रुपये मुआवजा मिलेगा। बढ़े हुए मुआवजे का लाभ करीब ढाई सौ किसानों को मिलेगा। इन किसानों की करीब 30 हेक्टेयर जमीन जीडीए ने अधिग्रहीत की है।

लारा कोर्ट के न्यायाधीश उदय भान सिंह की अदालत में काश्तकारों ने अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह के जरिए बढ़े मुआवजा की मांग के लिए मुकदमा दाखिल किया। चंद्रभान सिंह और सुरेश पासवान बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के नाम से हुए दोनों मुकदमों में क्रमश: 87 और 157 काश्तकार शामिल हुए। न्यायाधीश उदय भान सिंह ने तत्परता से सुनवाई की। जिससे लारा कोर्ट ने 29 जुलाई को मुआवजे को लेकर निर्णय ले लिया। अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट ने काश्तकारों की जमीनों पर प्राधिकरण के कब्जे वाली तिथि से 15 फीसदी ब्याज के साथ 48 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने के आदेश दिया हैं। 2007 से भी प्राधिकरण का कब्जा माना जाए तो ब्याज समेत 2 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा आएगा। अधिवक्ता ने बताया कि प्राधिकरण ने 2006 से कब्जा लेना शुरू किया था। कुछ लोग हाईकोर्ट भी चले गए थे, ऐसे में कब्जा लेने की प्रक्रिया 2012 तक अलग-अलग तिथियों चली।

विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी करेंगे मुआवजे की गणना

गुरुवार को हुए बोर्ड बैठक में बढ़े हुए मुआवजे को लेकर बनी सहमति के बाद प्राधिकरण यह मामला विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी को भेज रहा है। पूर्व में भुगतान की गई धनराशि का समायोजन करते हुए ब्याज समेत भुगतान को लेकर निर्णय विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी को लेना है। अधिकारी के सत्यापन के बाद काश्तकारों को बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान होगा।

बोर्ड बैठक में कोर्ट के निर्णय के मुताबिक बढ़े मुआवजे के भुगतान पर सहमति बन गई है। मुआवजे के भुगतान के लिए प्रकरण विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी को भेजा जाएगा। वहां से आगणन और सत्यापन के बाद काश्तकारों के खाते में बढ़ा हुआ मुआवजा भेजा जाएगा।

आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, गोरखपुर  विकास  प्राधिकरण

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें