आवंटन के बाद रजिस्ट्री का इंतजार कर रही सम्पत्तियों की होगी पड़ताल
-प्राधिकरण में सम्पत्तियां आवंटित कराने के बाद भी नहीं करा रहे रजिस्ट्री - गोरखपुर
गोरखपुर। मुख्य संवाददाता गोरखपुर विकास प्राधिकरण में 122 ऐसी सम्पत्तियां हैं जिन्हें लोगों ने आवंटित तो करा लिया लेकिन रजिस्ट्री नहीं करा रहे हैं। जी का जंजाल बनी ऐसी सम्पत्तियों की रजिस्ट्री के लिए बार-बार नोटिस भेजा जा रहा है लेकिन आवंटी इसका संज्ञान नहीं ले रहे हैं। अब शासन स्तर पर इन सम्पत्तियों की पड़ताल कराई जाएगी।
प्राधिकरण में ऐसी आवासीय श्रेणी की 80 सम्पत्तियां हैं जिनमें फ्लैट और भूखण्ड शामिल हैं। इसके अलावा 42 ऐसी सम्पत्तियां हैं जो कॉमर्शियल श्रेणी में हैं। इन सम्पत्तियों में दुकानें एवं भूखण्ड शामिल हैं। जीडीए की आवासीय एवं कामर्शियल संपत्तियों के आवंटन के बाद नियमत: आवंटियों को तय समय के अंदर पैसा जमा करते हुए इसकी रजिस्ट्री करा कर भौतिक रूप से कब्जा लेना होता है। लेकिन भूमि और भवन का पूरा पैसा जमा करने वाले भी उसकी रजिस्ट्रियां नहीं करा रहे हैं। शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि बिना रजिस्ट्री वाली संपत्तियों की पड़ताल कराई जाए कि आखिर इसकी क्या वजहें हैं? कहीं इनमें में कुछ संपत्तियां बेनामी तो नहीं हैं। पड़ताल के बाद इन आवंटियों को नोटिस भेजा जाएगा। अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे हर माह यह जानकारी देंगे कि उनके यहां कितनी संपत्तियों की रजिस्ट्रियां हुई हैं और कितनी शेष हैं।
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प्राधिकरण में ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा नहीं
सरकार ने विकास प्राधिकरणों को अपनी संपत्तियों की ऑनलाइन रजिस्ट्री करने की सुविधा दे दी है। इनके आवंटियों को अब निबंधन कार्यालय न जाकर संबंधित विकास प्राधिकरण में ही रजिस्ट्री करा सकते हैं। विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिया गया है कि वहीं पर संपत्तियों की रजिस्ट्री की जाए। ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित न होने की स्थिति में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विकास से संपर्क कर कैंप लगवाए जाएं। हालांकि जीडीए में न कैंप लग रहा न ही ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा ही शुरू हो पाई है।
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प्राधिकरण में आवासीय एवं कामर्शियल सम्पत्तियों का आवंटन कराने वालों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द उनकी रजिस्ट्री करा लें। कई बार नोटिस भी दिया गया है। शासन के निर्देशानुसार ऐसी सम्पत्तियों की जांच होगी कि आखिर रजिस्ट्री क्यों नहीं हो रही? रजिस्ट्री इसलिए भी जरूरी है क्योंकि रजिस्ट्री के इंतजार में किन्ही वजहों से पड़ने वाला व्यय भार का भुगतान आवंटी को ही करना होता है।
आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, जीडीए
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