पशुओं में लंपी रोग को लेकर पशुपालन विभाग अलर्ट, टीकाकरण के लिए गठित की टीम
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.धर्मेन्द्र पांडेय ने लंपी रोग को लेकर पशुपालकों
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.धर्मेन्द्र पांडेय ने लंपी रोग को लेकर पशुपालकों को सचेत किया है। रोग के बचाव को लेकर अलर्ट जारी करते हुए टीकाकरण को लेकर टीम का गठन कर दिया गया है। अधिकारी ने पशु पालकों से अपील किया है कि लंपी के लक्षण पर तत्काल विभाग को सूचित करें।
पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि विषाणुजनित रोग लंपी स्किन डिजीज है। बचाव को लेकर गाइड लाइन जारी की गई है। अधिकारी ने कहा कि रोग का लक्षण देखकर निकटतम पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। प्रभावित पशु को स्वस्थ पशु से अलग रखें। प्रभावित पशुओं का आवागमन प्रतिबन्धित करें। पशुओं को सदैव साफ पानी पिलायें। पशु के दूध को उबाल कर पिएं। पशुओं को मच्छरों, मक्खियों, किलनी आदि से बचाने के पशुओं के शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें। अधिकारी ने कहा कि रोग से पीड़ित पशु के शव को खुले में न फेकें। लम्पी स्किन डिजीज बीमारी से बचाव के लिए टीम गठित कर पशुओं के टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। पशुपालक अपने पशुओं का टीकाकरण कराने के साथ उनकी ईयर टैगिंग अवश्य कराएं।
ये है लक्षण
लंपी रोग में पशुओं को तेज बुखार, आंख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गांठ आदि प्रकार के लक्षण पाये जाते है। कभी-कभी सम्पूर्ण शरीर की चमड़ी विशेष रूप से सिर, गर्दन, थूथन, थनों, गुदा व अंडकोष पर गाठ बन जाते हैं। रोड से पीड़ित पशुओं का वजन घट जाता है। शरीर कमजोर हो जाता है। अत्याधिक कमजोरी से पशु की मृत्यु भी हो सकती है।
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