उद्योगपति के जीएम को फिर आया मैसेज... जालसाज ने कहा पैसा ट्रांसफर कर दो
उद्योगपति अमर तुल्सयान की डीपी लगाकर वाट्सएप से मैसेज भेज कर ट्रांसफर कराया था 2.70 करोड़उद्योगपति अमर तुल्सयान की डीपी लगाकर वाट्सएप से मैसेज भेज कर
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता नाइन सेनेटरी नैपकिन के मालिक उद्योगपति अमर तुल्सयान के नाम पर उनके कम्पनी के जीएम रमेश कुमार के पास एक बार फिर वाट्सएप मैसेज भेजकर जालसाज ने रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा। 2.70 करोड़ रुपये की जालसाजी के बाद सोमवार को आए इस मैसेज को देख कर रमेश कुमार घबरा गए, उन्होंने तत्काल साइबर थाने की पुलिस को सूचना दी। रमेश ने बताया कि जिससे जालसाजी हुई थी, उसी नंबर से फिर अमर तुल्सयान की डीपी लगाकर मैसेज आया है। मैसेज में लिखा है ‘ऑफिस पहुंच गए हो, अभी एक क्लाइंट का खाता नंबर भेज रहा हूं, उसपर रुपये ट्रांसफर कर देना। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उधर, पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि जिस मोबाइल नम्बर पर यह वाट्सएप चलाया जा रहा है उसका सिमकार्ड लखीमपुर खीरी के एक युवक के नाम पर लिया गया है। पुलिस जब युवक के घर पहुंची तो उसके परिवारीजनों ने बताया कि उनका बेटा मदरसे में पढ़ता है। इस समय बाहर गया है, वह घर आएगा तो उसे लेकर पुलिस के पास आएंगे। फिलहाल पुलिस अभी 20 वर्षीय उस युवक की तलाश में लगी है। यही नहीं, पुलिस की जांच में मैसेज वाले नंबर का आईपी एड्रेस कंबोडिया का मिला है। ऐसा माना जा रहा है कि जालसाजों ने लखीमपुर खीरी के युवक का नंबर इस्तेमाल कर जालसाजी की घटना को अंजाम दिया है।
हैदराबाद भी गई है पुलिस की एक टीम
उद्योगपति अमर तुल्सयान के नाम पर कंपनी के जीएम से 2.70 करोड़ रुपये हैदराबाद के दो बैंक खाते में मंगाए गए थे। हैदराबाद में स्थित यश बैंक में 13 नवंबर को 90 लाख और 14 नवंबर को आईसीआईसीआई बैंक में 1.80 करोड़ रुपये मंगाए गए। इसकी जांच पड़ताल करने जिले की पुलिस टीम हैदराबाद गई है। दोनों बैंकों रुपये जाने के बाद तत्काल उसे पश्चिम बंगाल, झारखंड और राजस्थान के 10 से अधिक बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया।
दो दिन में हुई थी 2.70 करोड़ की जालसाजी
जीएम रमेश कुमार ने पुलिस को बताया कि 13 नवंबर को मेरे वाट्सएप पर निदेशक अमर तुल्सयान का फोटो लगा हुआ वाट्सएप नम्बर से मैसेज आया। जिसमे लिखा था कि मेरा यह नंबर नंबर सेव कर लो। फिर उस नंबर को मैंने सेव कर लिया। इसके बाद चैटिंग हुई, जिसमे लिखा गया कि मैं एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा हूं, इससे संबंधित कागजात आपको भेज दूंगा। यह बताने के बाद यश बैंक का खाता नंबर भेजा गया, जिसमे 90 लाख रुपये ट्रांसफर करने का निर्देश आया। दूसरे दिन 14 नंवबर को भी उसी नंबर से एक और खाता नंबर भेजा गया, जिसमे 1.80 करोड़ रुपये भेजने का निर्देशन आया। निर्देश का पालन करते हुए मैंने ऑफिस के कर्मचारी नागेंद्र शुक्ला से नेट बैंकिंग के जरिए रुपये ट्रांसफर करवाया। 14 नंवबर को निदेशक अमर तुल्सयान से बात हुई, उन्होंने बताया कि ऐसा कोई निर्देशन मैंने नहीं दिया। इसके बाद साइबर थाने में केस दर्ज कराया गया।
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