आरोपित कैशियर के खिलाफ विजलेंस जांच शुरू
Gorakhpur News - अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में, तीन महीने से जांच के नाम पर
गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। यूको बैंक में जालसाजी के मामले में विभागीय विजलेंस जांच भी शुरू हो गई है। पूरे मामले में बैंक अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। क्योंकि, पीड़ित पिछले तीन महीने से बैंक में प्रार्थना पत्र दे रहे थे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद कलीम वर्ष 2019 से बेलघाट थाना क्षेत्र के शाहपुर स्थित यूको बैंक में कार्यरत है। विजलेंस जांच में इन पांच वर्षों में उसके द्वारा किए गए सभी लेनदेन वाले खातों की जांच की जा रही है। रकम जमा न होने की शिकायत करने वाले लोगों के खातों की विशेष जांच की जा रही है। इसके अलावा संदेह है कि कहीं, उसने बैंक की रकम की भी तो जालसाजी नहीं की है। केस दर्ज होने के बाद से ही स्वीपर भाई रिंकू फरार हो गया है, उसकी तलाश में पुलिस गोला स्थित बैंक में गई थी, लेकिन वह नहीं मिला। अब जब पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है तो रकम वापसी कर बचने की कोशिश भी की जा रही है। बताया जा रहा है कि अफसाना के खाते में रुपये वापस आ गए है, कुछ अन्य के खाते में भी वापसी की बात सामने आई है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
स्वीपर भाई करता था अनपढ़ खाताधारकों की रेकी
पता चला है कि मुख्य आरोपित हेड कैशियर मोहम्मद कलीम ने एक दूसरे बैंक में स्वीपर का काम करने वाले अपने भाई रिंकू के साथ मिलीभगत कर जालसाजी की है। रिंकू गोला स्थित एक बैंक में सफाई कर्मी के तौर पर तैनात है। बताया जा रहा है कि वह रोजाना सुबह अपने बैंक का काम निपटाने के बाद भाई के पास यूको बैंक पहुंच जाता था और वहां आने वाले अनपढ़ खाताधारकों की पहचान करता था। इसकी जानकारी वह अपने भाई को देता था। अनपढ़ होने की वजह से खाताधारक रुपये जमा करने के लिए देने के बाद जमापर्ची पर यकीन कर लेते थे।
अफसाना के थे पारिवारिक संबंध
अफसाना के मोहममद कलीन के साथ पारिवारिक संबंध थे, लेकिन आरोपित ने उससे भी ठगी कर ली है। पुलिस की जांच में पता चला है कि अन्य लोगों के मामले में सीधे जालसाजी हुई है, लेकिन अफसाना को विश्वास में लेकर जालसाजी की गई है। पुलिस सभी मामलों की गहनता से जांच कर रही है।
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पहले भी सामने आई हैं बैंक जालसाजी की घटनाएं
एक सितंबर 2023 : शाहपुर के पादरी बाजार के मानस विहार कॉलोनी निवासी अर्जुन कुमार ने बैंक कर्मचारियों पर केस दर्ज कराया। उनका आरोप है कि क्रेडिट कार्ड की उन्हें कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन जबरन भेज दिया गया।
08 जनवरी 2020 : कैंट थाने में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारियों पर जालसाजी का केस दर्ज किया गया था। महराजगंज, शिकारगढ़ के बांधा गांव निवासी सीमेंट व्यापारी सुधाकर राय ने केस दर्ज कराया था। बताया कि उन्होंने मई 2019 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जटेपुर शाखा से 25 लाख रुपये ऋण लिए थे। बैंक अधिकारियों ने ऋण स्वीकृत होने के बाद धरोहर के रूप में हस्ताक्षर कराकर उनसे चार सादे चेक लिए थे। उनमें से तीन चेक का इस्तेमाल कर 30 व 31 मई 2019 को उनके खाते से 16 लाख रुपये निकाल लिए गए।
18 अप्रैल 2023 : शाहपुर इलाके के हरिद्वारपुरम फेज-2 कॉलोनी निवासी रंजू सोनी के तीन खातों से एक लाख 99 हजार 899 रुपये साइबर अपराधियों ने उड़ा दिए। आरोप है कि बिना ओटीपी, यूपीआई के ही खाते से जालसाजों ने रकम उड़ा दी। पुलिस ने यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया था।
25 जून 2021 : कैंट थाने में व्यापारी कमल रुंगटा ने केस दर्ज कराया। उनका आरोप था कि उनकी पत्नी कला देवी और बहू स्वाती रुंगटा का बेतियाहाता स्थित एक्सिस बैंक में खाता है। दोनों ने संयुक्त लाकर लिया है। लॉकर से 30 लाख रुपये कीमत के गहने गायब हुए थे। जिसमें सोने के दो हार, चार टप्स, एक अंगूठी, दो सोने की चूड़ी, हीरे का एक हार व दो टप्स, सोने के 14 सिक्के थे।
18 जुलाई 2022 : बड़हलगंज इलाके के एक शख्स की जमीन पर गलत तरीके से ऋण देने के मामले में आरोपी यूको बैंक के पूर्व प्रबंधक अब्दुल मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था। वह राजघाट के रहमत नगर का निवासी है। आरोप था कि 2004 में मदरिया शाखा प्रबंधक रहने के दौरान उसने जालसाजी की थी।
एक जून 2024 को कोतवाली पुलिस ने एलआईसी से फर्जी लोन और किस्त न जमा करने के आरोप में एजेंट धीरज को जेल भेजा था।
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