दवा कारोबारी समेत चार दोस्तों ने 350 गरीबों को कोरोना से उबारा
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता कोरोना की दूसरी लहर में कुछ जमाखोर जहां कालाबाजारी कर आपदा...
गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता
कोरोना की दूसरी लहर में कुछ जमाखोर जहां कालाबाजारी कर आपदा को अवसर में बदलने में जुटे हैं वहीं दवा कारोबारी समेत चार युवाओं का ग्रुप जरूरतमंदों को दवा और ऑक्सीजन तक मुफ्त मुहैया करा रहा है। इस टीम ने 'मिलकर भगाएंगे कोरोना' नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप के जरिए मिलने वाली सूचना पर टीम ने अब तक 350 गरीबों को मुफ्त दवा और 40 लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराकर संक्रमण से उबारा है। यह टोली होम आइसोलेशन में अकेले रहने वालों के लिए भोजन का भी इंतजाम करती है।
शहर के कूड़ाघाट क्षेत्र में एम्स के पास साईं मेडिकल स्टोर के संचालक सजल ने डेढ़ माह पहले अकेले इस मुहिम को शुरू की। धीरे-धीरे इस ग्रुप में सदस्य 250 हो गए, साथ ही सजल के इस काम से प्रेरित होकर उन्हें तीन और ऐसे दोस्त मिल गए। ग्रुप पर मिलने वाली सूचना के बाद यह टीम लोगों तक जरूरी दवा और अन्य मदद पहुंचाती है।
आर्थिक तंगी दूर होने पर इसबार मदद का इरादा बनाया
शहर के अलहदादपुर के रहने वाले युवा सजल ने अभी कुछ महीनों पहले कूड़ाघाट में मेडिकल स्टोर शुरू किया है। अभी कुछ ही दिन बीते थे कि कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचानी शुरू कर दी। सजल ने बताया कि पिछले लॉकडाउन के दौरान वे आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि लोगों की कोई मदद कर पाते। इस बार हालात बदले तो उनके मन में आया कि क्यों न लोगों को नि:शुल्क दवा देकर ही मदद की जाए। उन्होंने कोरोना इलाज की दवा के लिए अपने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली कि जिसके पास पैसे नहीं हों, वे उनके मेडिकल स्टोर पर आकर दवाएं फ्री ले सकते है। इतना ही नहीं अगर किसी को आने में असुविधा है तो इसके लिए वे उनके मोबाइल पर फोन करें तो दवा फ्री में होम डिलिवरी भी कर दी जाएगी।
इस तरह तैयार हुई टीम
सजल बताते हैं कि फेसबुक पर पोस्ट डालते ही पहले तो उनके पास सिर्फ यह जांच करने के लिए फोन आने शुरू हुए कि यह सही भी है या फर्जी पोस्ट। लेकिन जब लोगों को पता चला कि सच में नि:शुल्क दवाएं मिल रही, वैसे-वैसे लोग आने लगे या होम आइसोलेशन के मरीज घर पर दवा मंगवाने लगे। डिमांड बढ़ती देख सजल ने व्हाट्सअप ग्रुप बनाया और उसमें काफी लोग जुड़ गए। सजल का यह काम देख ग्रुप के कुछ और लोग प्रेरित हुए फिर उन्हें वीरेंद्र पाठक, चंदन व ऋषि जायसवाल के रूप में तीन और दोस्त मिल गए।
चारों दोस्त अबतक मिले भी नहीं
व्हाटसएप ग्रुप के एडमिन सजल बताते हैं कि अबतक हम चारों दोस्त मिले भी नहीं। ग्रुप में सभी का काम बंटा है। मसलन विरेन्द्र पाठक मरीज को बेड व आक्सीजन दिलाते है। चंदन जरूतमंदों की तलाश करते है। उन्हें दवा व अन्य जरूरी चीज की होम डिलेवरी भी करते है। सजल मुफ्त दवा उपलब्ध कराते हैं। जबकि ऋषि जायसवाल गोरखपुर से बाहर जरूरतमंदों को बेड मुहैया कराते है।
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