बाढ़ ने जिले की 6500 हेक्टेयर फसलों को डुबोया फ्लैग
राप्ती, रोहिन, सरयू, कुआनो और गोर्रा नदी का पानी शुक्रवार की शाम धीरे-धीरे घटने लगा था। रोहिन खतरे के निशान से नीचे बहने लगी है। हालांकि राप्ती, सरयू और गोर्रा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है।...
राप्ती, रोहिन, सरयू, कुआनो और गोर्रा नदी का पानी शुक्रवार की शाम धीरे-धीरे घटने लगा था। रोहिन खतरे के निशान से नीचे बहने लगी है। हालांकि राप्ती, सरयू और गोर्रा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। नदियों की बाढ़ में जिले की 6643.68 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग प्रभावित गांवों में राहत पहुंचाने में जुटा है।
खतरे का निशान पार कर चुकीं राप्ती, सरयू, गोर्रा और रोहिन नदी में से शुक्रवार की शाम रोहिन खतरे के निशान से नीचे उतरकर बहने लगी थी। राप्ती-सरयू और गोर्रा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर हैं। इन नदियों का जलस्तर भी धीरे-धीरे घट रहा है। जिले में बहने वाली इन नदियों की बाढ़ में 112 गांव प्रभावित हो गए हैं। राप्ती-रोहिन और सरयू नदी कटान जारी है। खोराबार, बड़लगंज और जंगल कौड़िया ब्लॉक के पांच गांवों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारी इन गांवों पर लगातार नजर रख रहे हैं।
बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ बंधों का निरीक्षण कर रहे हैं। नदियों का दबाव बंधों पर लगातार बना हुआ है। अधिकारी इसे भली-भांति महसूस कर रहे हैं कि कोई भी चूक भारी पड़ सकती है। जहां-जहां बंधों में रिसाव हो रहा है अधिकारी वहां पहुंचकर उसे तत्काल बंद करा रहे हैं।
गोरखपुर में नदियों का जलस्तर
नदियां खतरे का निशान नदियों का जलस्तर
राप्ती (बर्डघाट) 74.98 मीटर 75.63 मीटर
रोहिन (त्रिमुहानी) 82.44 मीटर 81.75 मीटर
कुआनो (मुखलिसपुर) 78.65 मीटर 78.14 मीटर
सरयू (तुर्तीपार) 64.01 मीटर 65.17 मीटर
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