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चिड़ियाघर अस्पताल के पीछे कूड़े में लगी आग, जीव-जंतु बेहाल

गोरखपुर में चिड़ियाघर के पास कूड़े में आग लगने से जानवरों में बेचैनी और सांस लेने में कठिनाई हुई। धुएं के कारण जानवरों के नाइट सेल में हलचल रही। चिड़ियाघर प्रशासन ने समस्या के समाधान के लिए स्थानीय...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरWed, 6 Nov 2024 10:33 AM
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गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। चिड़ियाघर अस्पताल के पीछे और जेमिनी गार्डेनिया अपार्टमेंट के सामने पड़े कूड़े के ढेर में मंगलवार को दोपहर बाद लगी आग से जानवर बेहाल हो गए हैं। जानवरों के नाइट सेल में धुंआ भर गया है। इसकी वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई है। पक्षियों की आंखों से पानी आना शुरू हो गया है। फिलहाल देर रात तक समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है। इसे लेकर चिड़ियाघर प्रशासन ने पहले जीडीए से वार्ता की तो उन्होंने कूड़ा गिराने से इन्कार कर दिया। इसके बाद नगर निगम ने भी यही जवाब दिया है।

कूड़े में लगी आग की वजह से उठ रहे धुंआ की वजह से चिड़ियाघर के जानवरों के साथ आसपास के लोग भी परेशान रहे। बताया जा रहा है कि चिड़ियाघर अस्पताल में करीब तीन दर्जन जानवर रखे गए हैं। इन्हें नाइट सेल में रखा गया है। इन जानवरों में पीलीभीत से लाया गया बाघ, पांच से अधिक तेंदुएं और बाघ शावक शक्ति के अलावा कई अन्य पक्षी शामिल हैं। इन नाइट सेल में हर तरफ धुंआ भरने से जानवरों में बेचैनी रही। कुछ जानवरों को सांस लेने में तकलीफ शुरू हो गई है। सबसे अधिक दिक्कत बाघ और तेंदुओं को रही। वे बेचैन होकर नाइट सेल में इधर-उधर दहाड़ते और गुर्राते रहे। इसके अलावा पक्षियों की आंखों से आंसू भी आ रहे हैं। इन पक्षियों में सनकनूर, तोते शामिल हैं।

चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वन्य जीव जंगल के स्वच्छ माहौल में रहते हैं। चिड़ियाघर में भी यही वातावरण वन्य जीवों को उपलब्ध कराया गया है। ऐसे में यह धुंआ उन्हें परेशान और बेचैन कर रहा है। जानवरों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

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वन्य प्राणियों के लिए यह धुंआ बेहद हानिकारक है। अस्पताल और प्राणी उद्यान के कई नाइट सेल में धुंआ भर गया। जिसकी वजह से जानवरों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इससे उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

डॉ. योगेश प्रताप सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, चिड़ियाघर

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जिस जगह पर कूड़ा जलाया गया है, वह जमीन प्राणी उद्यान अथवा वन विभाग की भूमि नहीं है। वह जीडीए की भूमि है। उनसे वार्ता कर समस्या का समाधान कराया जाएगा।

विकास यादव, चिड़ियाघर

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मामला संज्ञान में आया है। पता लगाया जाएगा कि आखिर वहां पर कूड़ा किसने गिराया और जलाया। मामले की जानकारी करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

आनंद वर्धन, जीडीए वीसी

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