40 विद्यार्थियों के फर्जी प्रवेश से जुड़ा है यह मामला
Gorakhpur News - गोरखपुर में एमएमएमयूटी के लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव पर 40 छात्रों के फर्जी प्रवेश मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। इस मामले में तीन शिक्षकों और पांच कर्मचारियों की लापरवाही पाई गई थी। प्रशासन ने...
गोरखपुर, निज संवाददाता। एमएमएमयूटी के लिपिक पर कैंट थाने में केस दर्ज होने के बाद 40 छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश मामले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। उस मामले में प्रथमदृष्टया तीन शिक्षकों और पांच कर्मचारियों की लापरवाही या संलिप्तता पाई गई थी। उनमें कुलसचिव कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव भी शामिल था। करीब दो साल बाद एक अभिभावक की तरफ से उस मामले में यह पहला केस दर्ज कराया गया है।
एसएसपी के आदेश पर बीटेक में फर्जी प्रवेश पाने वाले छात्र राहुल गुप्ता के पिता श्रीप्रकाश गुप्ता की तहरीर पर एमएमएमयूटी के कुलसचिव कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी और रुपये हड़पने का केस दर्ज किया गया है। लिपिक पर कोटे से प्रवेश दिलाने के नाम पर 2.70 लाख रुपये लेने का आरोप है। कैंट थाने में केस दर्ज हुआ तो दो साल बाद वह मामला फिर चर्चाओं में आ गया।
एमएमएमयूटी में बीटेक में हुए फर्जी प्रवेश के मामले की जांच के लिए विश्वविद्यालय ने कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 20 जुलाई 2023 को कार्य परिषद के समक्ष रिपोर्ट पेश कर दी थी। कमेटी ने अपनी जांच में तीन शिक्षकों और पांच कर्मचारियों पर कार्य में लापरवाही का आरोप पाया गया था। इसमें कुछ की संलिप्तता भी पाई गई थी। रवि मोहन श्रीवास्तव उनमें से एक था।
कार्रवाई में रही सुस्ती
कार्य परिषद में जांच रिपोर्ट रखने के बाद जिन पर भी लापरवाही या संलिप्तता के आरोप लगे, उन्हें नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था। उनके जवाब के परीक्षण के लिए बाहरी उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी। उनमें प्रो. राम अचल सिंह, एमएनएनआईटी के प्रो. राजीव त्रिपाठी व एसके अग्रवाल शामिल थे। सभी का बयान दर्ज कर रिपोर्ट भी सौंप दी गई थी लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
रिपोर्ट मिलते ही दोषियों पर होगी कार्रवाई: कुलपति
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी ने कहा कि बीटेक में हुए फर्जी प्रवेश के मामले में जांच पूरी कर ली गई है। सभी आरोपियों का बयान कमेटी ने दर्ज कर लिया है। उसकी रिपोर्ट कंपाइल कराई जा रही है। रिपोर्ट के गुण-दोष के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामला
एमएमएमयूटी प्रशासन ने 10 जनवरी 2023 को खुलासा किया था कि 40 छात्र-छात्राओं ने फर्जी कागजात के जरिए प्रवेश ले लिया था। इनमें सत्र 2020-21 के कुल 22 और सत्र 2021-22 के 18 विद्यार्थी शामिल थे। उन सभी छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया गया था। तीन शिक्षक व पांच कर्मचारी जांच की जद में आए थे। इनमें कुछ की संलिप्तता भी मिली थी। निष्कासित छात्रों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वह मामला डबल बेंच में लंबित है।
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