Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुरEven after the notification of Wetland 10 thousand breaths are stuck

वेटलैंड के नोटिफिकेशन के बाद भी 10 हजार की अटकी है सांसें

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता रामगढ़झील के वेटलैंड को लेकर शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन के बाद...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरMon, 11 Jan 2021 03:26 AM
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गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

रामगढ़झील के वेटलैंड को लेकर शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन के बाद भी झील के 500 मीटर दायरे के 10 हजार से अधिक लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। 1000 से अधिक ऐसे लोग हैं जिनकी बेशकीमती जमीन पर मानचित्र स्वीकृत नहीं हो रहा है। जीडीए के आवंटियों के साथ आसपास रहने वाले 10 हजार से अधिक लोगों की निगाहें 12 जनवरी को एनजीटी कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।

जीडीए बोर्ड बैठक में लोहिया एन्क्लेव के आवंटियों को सशर्त रजिस्ट्री का भरोसा दिया है। आवंटन प्रक्रिया 12 जनवरी से शुरू होगी। मजबूरी में फंसे लोहिया के 450 आवंटी रजिस्ट्री को लेकर तैयार हैं लेकिन उनकी सांसें भी एनजीटी के निर्णय को लेकर अटकी हुई हैं। एनजीटी की हाई पावर कमेटी ने रामगढ़झील के किनारे 500 मीटर परिधि में किसी प्रकार के निर्माण को प्रतिबंधित करने एवं हो चुके निर्माण को ध्वस्त करने की सिफारिश की थी। हालांकि एनजीटी की ओर से इस संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

इस मामले में एनजीटी ने एक्शन टेकेन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए प्रमुख सचिव सिंचाई को नोडल अधिकारी बनाया था। जीडीए की ओर से एक्शन टेकेन रिपोर्ट प्रमुख सचिव के माध्यम से दाखिल भी किया जा चुका है। इस बीच 500 मीटर दायरे में नए निर्माण की अनुमति नहीं मिल रही है और न ही मानचित्र ही पास किया जा रहा है। करीब 1000 लोग मानचित्र स्वीकृत नहीं होने से फंसे हुए हैं। वेटलैंड का नोटिफिकेशन जारी हो जाने के बाद स्थिति स्पष्ट हो चुकी है, कोई निर्माण इस दायरे में नहीं आ रहा है। नोटिफिकेशन के बाद से जीडीए को एनजीटी में पक्ष रखने के लिए मजबूत तर्क मिल चुका है। कानूनी रूप से प्राधिकरण अपना पक्ष मजबूत पा रहा है।

करोड़ों की जमीन लेकर फंस गए

झील के 500 मीटर दायरे में निर्माण पर रोक होने के कारण लोग मानचित्र नहीं दाखिल कर पा रहे हैं। ऐसे करीब एक हजार लोग हैं, जिनकी खाली जमीन इस क्षेत्र में हैं। इसके अतिरिक्त मकान बना चुके लोग विस्तार के लिए इंतजार कर रहे हैं। तारामंडल क्षेत्र में करोड़ों रुपये कीमत की वाणिज्यिक जमीनों पर भी निर्माण ठप है। दाउदपुर निवासी अश्वनी श्रीवास्तव ने ढाई करोड़ की जमीन खरीदी थी। वहां रेस्टोरेंट खोलना है। लेकिन एनजीटी के निर्णय के पेंच में पूरी योजना फ्लाप हो गई है।

रामगढ़झील के वेटलैंड का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। एनजीटी में मामला होने के कारण अभी लोहिया आवंटियों को भी सशर्त रजिस्ट्री की अनुमति बोर्ड ने दी है। प्राधिकरण की ओर से 12 जनवरी को अपना पक्ष रखा जाएगा। राहत के लिए जीडीए पैरवी कर रहा है।

अनुज सिंह, उपाध्यक्ष, जीडीए

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