तीन करोड़ से बने नौसढ़ बस स्टेशन पर सिर्फ होती है एन्ट्री
महानगर में ट्रैफिक जाम की समस्या के साथ ही दक्षिणांचल के लोगों की सहूलियत को देखते हुए बीते अगस्त महीने में मुख्यमंत्री ने नौसढ़ बस स्टेशन का लोकार्पण किया था। करीब तीन करोड़ की लागत बना मार्डन बस...
महानगर में ट्रैफिक जाम की समस्या के साथ ही दक्षिणांचल के लोगों की सहूलियत को देखते हुए बीते अगस्त महीने में मुख्यमंत्री ने नौसढ़ बस स्टेशन का लोकार्पण किया था। करीब तीन करोड़ की लागत बना मार्डन बस स्टेशन पर वर्तमान में सिर्फ गोरखपुर की तरफ से जाने वाली बसों की एंट्री होती है।
ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए नौसढ़ में 2.79 करोड़ रुपए के बजट से बस स्टेशन बनाया गया। लोकार्पण के समय अफसरों ने दावा किया था कि यहां से आजमगढ़, मऊ, खजनी, जौनपुर, प्रयागराज और वाराणसी की बसें चलेंगी। यह भी दावा किया गया कि लोगों को नौसढ़ से ही बसों को पकड़ने जाना पड़ेगा लेकिन छह महीने का समय गुजरने के बाद भी यहां से बसों का संचालन नहीं हो रहा है। बस स्टेशन पर न तो कर्मचारियों की मौजूदगी दिखती है न ही साफ-सफाई। बस स्टेशन के नाम पर तीन कंडक्टरों, एक ड्राइवर और एक लिपिक की तैनाती है।
आठ-आठ घंटे की ड्यूटी इनकी होती है। ऐसे में कैसे बस स्टेशन पर ये ड्यूटी करते हैं समझा जा सकता है। पूछताछ काउंटर पर कोई कर्मचारी नहीं मिलते हैं। टिकट काउंटर पर भी सन्नाटा रहता है। परिसर में झाड़ू आदि लगाने के लिए सफाई कर्मचारियों की भी तैनाती नहीं है। शुद्ध पेयजल, शौचालय, हाईमास्ट की व्यवस्था तो जैसे तैसे चल रही है। पर, एलईडी स्क्रीन पर बसों की डिटेल नहीं मिल रही है। बसें कब आएंगी कब जाएंगी इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है। लेडीज टायलेट तो खुला रहता है लेकिन अन्य टॉयलेट में ताला लटका रहता है।
सिर्फ बसों की होती है एन्ट्री
बस अड्डे पर तैनात कर्मचारी सिर्फ बसों की एन्ट्री का काम करते हैं। स्थानीय दुकानदार रामसमुझ बताते हैं कि दिन में एक-दो बसें अंदर आ भी जाती हैं, अन्यथा शेष बसें बाहर से ही एन्ट्री कर निकल जाती हैं। रोज 30 से 40 बसों की यहां एन्ट्री होती है।
स्लीपर बसों में रहती है भीड़
नौसढ़ बस स्टेशन के आसपास के पेट्रोप पंपों से ही डग्गामार स्लीपर बसों का संचालन हो रहा है। जहां यात्रियों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में सवाल उठता है कि नौसढ़ बस स्टेशन पर सवारी का रोना जिम्मेदार क्यों रो रहे हैं। यात्री मुकेश बरनवाल का कहना है कि पेट्रोल पंप पर बने अवैध बस अड्डे पर दिन भर दिल्ली, जयपुर और आगरा जाने वालों की भीड़ लगी रहती है। बसें यहां से चलें तो सवारी आसानी से मिलेगी।
बोले आरएम
नौसढ़ बस स्टेशन से बसों का संचालन किया जाएगा। अभी भी 40 से 50 बसें परिसर से होकर जा रही है। फिलहाल जितने कर्मचारियों की तैनाती है, उससे अधिक की जरूरत नहीं है। रेलवे बस स्टेशन से बसों की संख्या को कम किया जाना प्रस्तावित है। रेलवे बस स्टेशन पर पीपीपी मॉडल से मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव है।
- डीवी सिंह, आरएम
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