Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़गोरखपुरEngineers are issuing notice GDA is not stopping construction

इंजीनियर नोटिस तो जारी कर रहे, निर्माण नहीं रोक रहे जीडीए का हाल

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरWed, 12 Aug 2020 05:03 AM
share Share

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाताकोरोना काल में जीडीए में नक्शे भले स्वीकृत न हो रहे हों, लेकिन शहर में निर्माण कार्य पर किसी तरह का अंकुश नहीं दिख रहा है। जीडीए के इंजीनियर अवैध निर्माण को लेकर नोटिस तो दे रहे हैं, लेकिन अंकुश को लेकर बेपरवाह हैं। शहर के बाहरी इलाकों में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब जीडीए प्रदेश में अवैध निर्माण के मामले में नंबर वन होने के चलते अफसरों के निशाने पर है।सर्वाधिक अवैध निर्माण शहर के बाहरी इलाकों में हो रहे हैं। मेडिकल रोड, गोरखनाथ रोड, देवरिया बाईपास, जेल बाईपास, बिछिया, पादरी बाजार में हो रहे निर्माण को देखकर लगता है कि जीडीए में खूब नक्शे मंजूर हो रहे हैं। गोरखनाथ थानाक्षेत्र के मिर्जापुर पचपेड़वा में जीडीए की रोक के बाद भी अवैध निर्माण जारी है। यहां के नागरिकों ने जीडीए सचिव से मिलकर अवैध निर्माण की जानकारी दी थी। जेई ने 30 जुलाई को ही पीठासीन अधिकारी के हवाले से नोटिस जारी कर दिया लेकिन निर्माण कार्य बदस्तूर जारी है। पीठासीन अधिकारी ने पुलिस को काम रोकने और निर्माण सामग्री हटवाने का निर्देश दिया। कार्रवाई के बाद 13 अगस्त तक अवगत कराने को भी कहा लेकिन अवैध निर्माण अब भी जारी है। इसी तरह बिछिया पीएसी कैंप से लेकर ताड़ी खाना चौराहा होते हुए मोहनापुर की तरफ जाने वाली सड़क पर जीडीए के इंजीनियर ने दर्जन भर से अधिक लोगों को अवैध निर्माण को लेकर नोटिस दिया है, लेकिन निर्माण पर कोई रोक नहीं दिख रही है।शिकायत करने वालों का फोन नहीं उठाते जेईशिकायत करने वाले जीडीए के इंजीनियरों को फोन कर रहे हैं, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। कोरोना के खतरों को देखते हुए लोग जीडीए जाने से बच रहे हैं, जिसका नतीजा है कि कहीं सड़क पर तो कहीं मानचित्र के विपरीत अवैध निर्माण हो रहा है। जोन के हिसाब से जेई और एई को जिम्मेदारी दी गई है। शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। अवैध निर्माण हर हाल में रोकने के निर्देश हैं। - संजय सिंह, मुख्य अभियंता, जीडीए

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें