डीएपी के लिए कतार में दिखीं महिलाएं, पुलिस की मौजूदगी में वितरण
गोरखपुर में 22 साधन सहकारी समितियों पर 216 टन डीएपी का वितरण किया गया। सहकारिता विभाग को शनिवार को 319 टन और डीएपी मिलेगी। निजी विक्रेता महंगे दाम पर डीएपी बेच रहे हैं, जिससे किसान परेशान हैं। कुछ...
गोरखपुर। हिन्दुस्तान टीम गोरक्षनगरी की 22 साधन सहकारी समितियों पर शनिवार को वितरण के लिए 216 टन डीएपी पहुंची, जिसका वितरण कराया गया। शनिवार को पुन: सहकारिता विभाग को 319 टन डीएपी, एचयूआरएल की रैक से मिलेगी, जिसका रविवार सुबह से वितरण कराया जाएगा। उधर, कैंपियरगंज के बलुआ में बहुउद्देशीय ग्रामीण साधन सहकारी समिति पर खाद लेने की कतार में महिलाएं भी पुरुषों के साथ खड़ी दिखीं। पुलिस की निगरानी में यहां खाद का वितरण कराया गया।
गुरुवार को गोरखपुर स्थित नकहा रैक प्वाइंट से पारादीप फॉस्फेट लिमिटेड से गोरखपुर को डीएपी की 9000 बोरी एवं एनपीके की 5000 बोरी मिली। इनमें से 216 टन डीएपी सहकारिता क्षेत्र के लिए मिली। रैक से सीधे साधन सहकारी समितियों को 10-10 टन खाद उपलब्ध कराई जा रही थी। एआर कोऑपरेटिव नीरज कुमार के मुताबिक शुक्रवार की सुबह तक 216 टन डीएपी जनपद के 13 ब्लॉक भटहट, पिपराइच, खोराबार, बेलघाट, कौड़ीराम, बांसगांव, पाली, चरगावा, पिपरौली, चौरीचौरा, सहजनवा, खजनी और सरदारनगर की 22 समितियों पर उपलब्ध कराए गए। 21 समितियों पर 10-10 टन और 01 समिति पर 06 टन डीएपी का वितरण कराया गया।
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निजी खाद विक्रेताओं की चांदी, महंगी दर पर दे रहे डीएपी :
गोलाबाजार हिन्दुस्तान संवाद के अनुसार, गोला में 10 सक्रिय समितियों पर खाद नहीं थी। ककरही समिति के सचिव इंद्रेश शुक्ल ने बताया कि समिति पर पंद्रह दिन पहले 300 बोरा डीएपी मिली तब से खाद नहीं है। खजनी हिन्दुस्तान संवाद के मुताबिक निजी दुकानदार 1350 की डीएपी का 1600 से 1700 रुपये कीमत वसूल रहे हैं जबकि समिति पर खाद नहीं मिल रही है।
उधर खोराबार हिन्दुस्तान संवाद ने बताया कि साधन सहकारी समिति लिमिटेड गौरी मंगलपुर एवं साधन सहकारी समिति लिमिटेड नौवा अव्वल सनहा पर डीएपी उपलब्ध नहीं है। निजी दुकानदार 1700 रुपये बोरी डीएपी बेच रहे हैं। साधन सहकारी समिति लिमिटेड नौवा अव्वल के सचिव कादीर खान और साधन सहकारी समिति लिमिटेड गौरी मंगलपुर के सचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि खाद जब मिलेगी तो वितरित होगी।
कुसम्ही बाजार हिन्दुस्तान संवाद ने बताया कि निजी मार्केट से महंगे दाम कर किसान खाद खरीद रहे हैं। गगहा हिन्दुस्तान संवाद ने बताया कि गगहा में संचालित 07 समितियों में किसी पर खाद नहीं है। किसान अमोद कुमार श्रीवास्तव, सतेंद्र द्विवेदी, कृष्ण कुमार तिवारी, संदीप चंद ने बताया कि निजी दुकानों पर डीएपी 1700 रुपये प्रति बोरी बेची जा रही है। हालांकि चौरीचौरा संवाद ने बताया कि शुक्रवार को सरैया समिति पर 200 बोरा खाद और बघाड़ समिति पर 150 बोरा डीएपी पहुंची जिसका वितरण किया गया।
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