वायरल मैसेज पर बखेड़ा, कांग्रेस हमलावर
((दो कोट आना है)) डीडीयू एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए भूमिपूजन से पहले वायरल
गोरखपुर, हिन्दुस्तान टीम। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा 22 से 24 नवम्बर तक गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के भूमिपूजन के दिन ही एक वायरल मैसेज से बखेड़ा खड़ा हो गया है। व्हाट्सएप मैसेज वायरल होने के बाद कांग्रेस ने कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पार्टी ने सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं, वायरल मैसेज को लेकर डीडीयू प्रशासन ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
दावा किया जा रहा है कि गुरुवार की रात 11:44 बजे डीडीयू के प्रति कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी ने शिक्षकों और कर्मचारियों के दो ग्रुप पर पोस्ट किया था। मैसेज में एबीवीपी के 8 नवम्बर को 11 बजे से डीडीयू कैंपस स्थित क्रीड़ा संकुल में आयोजित भूमिपूजन में सभी को सपरिवार आमंत्रित किया गया था। दावा है कि कुलपति ने यह मैसेज कराया था। शुक्रवार को दोपहर में 12:35 बजे मैसेज डिलीट कर दिया गया। प्रो. शांतनु रस्तोगी ने पोस्ट डिलीट कर सफाई दी कि यह उनकी गलती है। गलतफहमी की वजह से ऐसा हुआ है। इससे कुलपति का कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि उससे पहले इसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया था।
व्हाट्सएप मैसेज वायरल होने के बाद से कांग्रेस हमलावर है। जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने विज्ञप्ति जारी कर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कुलपति द्वारा एक राजनीतिक दल के छात्र संगठन के कार्यक्रम का निमंत्रण दिया जा रहा है। एक राजनीतिक दल को इस प्रकार खुलेआम समर्थन देना पद की गरिमा और निष्पक्षता के लिहाज से अत्यंत आपत्तिजनक कृत्य है। उन्होंने माफी की मांग करते हुए कहा है कि इस तरह का कृत्य हुआ तो पार्टी पुरजोर विरोध कर सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगी। वहीं, डीडीयू प्रशासन ने इन आरोपों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। दावा किया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एबीवीपी की ओर से कोई निमंत्रण नहीं भेजा है। यदि कोई संदेश इस संदर्भ में प्रसारित हो रहा है, तो वह कुलपति की स्वीकृति के बिना है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने भी बोला हमला
सोशल मीडिया ‘एक्स पर ‘यूपी कांग्रेस ने शुक्रवार देर रात प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का बयान जारी किया है। जारी वीडियो में अजय राय ने कहा है कि कुलपति द्वारा एबीवीपी के कार्यक्रम के लिए आमंत्रण पत्र दिया गया है। वह पूरी तरह से शिक्षा के माहौल को आरएसएस के हिसाब से बनाना चाहती हैं। इससे समाज में गलत संदेश फैलेगा।
कुलपति द्वारा राजनैतिक दल से जुड़े छात्र संगठन के कार्यक्रम का निमंत्रण देना शर्मनाक है। सरकार कुलपतियों के माध्यम से विश्वविद्यालयों का संघीकरण करने में लगी है, जो शर्मनाक है।
- विश्वविजय सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस
करीब आधी रात को किसी ने वह मैसेज भेजा था। मुझे लगा था कि आमंत्रित किया गया है। गलती से मैसेज फारवर्ड कर दिया था। बाद में नजर पड़ने पर डिलीट कर, असलियत बताई थी। इससे कुलपति का कोई लेना-देना नहीं है।
- प्रो. शांतनु रस्तोगी, प्रति कुलपति, डीडीयू
यह एबीवीपी का कार्यक्रम था। मैं खुद गेस्ट के रूप में आमंत्रित थी। मैं किसी को कैसे आमंत्रित करूंगी। यदि कोई मैसेज प्रसारित हो रहा है, तो वह मेरी स्वीकृति के बिना है।
- प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू
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