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एमएमएमयूटी नेशनल रैंकिंग में टॉप 50 में आए : योगी

Gorakhpur News - मुख्यमंत्री ने एमएमएमयूटी में 91.22 करोड़ रुपये की लागत से 13 विकास कार्यों का किया

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरTue, 8 April 2025 05:56 AM
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एमएमएमयूटी नेशनल रैंकिंग में टॉप 50 में आए : योगी

गोरखपुर, निज संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) को राष्ट्रीय, दक्षिण एशिया और एशिया स्तर तक की अच्छी रैंकिंग के लिए बधाई दी। साथ ही यह अपेक्षा भी की कि विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर टॉप 50 और साउथ एशिया स्तर पर टॉप 100 के अंदर की रैंकिंग हासिल करेगा।

सीएम योगी सोमवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में 91.22 करोड़ रुपये की लागत से 13 विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास तथा शिक्षकों-शोधार्थियों को पुरस्कृत करने के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 76 नव नियुक्त शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि जिस कार्य के लिए उनका चयन हुआ है, उन पर खुद को साबित करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बनकर जब काम करेंगे तो विश्वविद्यालय के हिस्से आई उपलब्धि के हकदार शिक्षक भी बनेंगे। यदि विश्वविद्यालय पर कहीं कोई डेंट आएगा तो उसकी भी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह तकनीक का युग है। एक तकनीक जीवन में बड़े बदलाव ला सकती है। सस्ती और टिकाऊ तकनीकी की आवश्यकता इसलिए भी है कि सरकार कोई भी पैसा अपनी जेब से नहीं देती है। बल्कि यह पैसा समाज के लोगों से ही प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि पहले वृद्धजनों, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांगजन को महज 300 रुपये मासिक पेंशन मिलती थी और मैनुअल व्यवस्था के कारण उसमें काफी पैसा किराए और बाबू के कट में चला जाता था। अब सरकार ने न केवल पेंशन की राशि बढ़ाकर एक हजार रुपये मासिक कर दी बल्कि सीधे खाते में रकम ट्रांसफर कर किराए और बाबू के कट से भी मुक्ति दिला दी है। यह तकनीकी का जनहितकारी इस्तेमाल है।

भारतीय मनीषा सतत की बजाय समग्र विकास की पोषक

योगी ने कहा कि जब हम विकास की अवधारणा की बात करते हैं तो भारतीय मनीषा ने पश्चिम के सस्टेनेबल डेवलपमेंट (सतत विकास) की बजाय समग्र विकास की परिकल्पना को सामने रखा। हमारा दृष्टिकोण समग्रता को लेकर होता है। सतत विकास में ध्यान किसी एक ही पक्ष पर होता है, जबकि समग्र विकास में अलग-अलग पक्षों से सबको साथ लेकर चलने की बात अंतर्निहित होती है।

भारत फिर दुनिया को लीड करने की ओर अग्रसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि 16वीं सदी के पहले दुनिया की जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक थी और यह तब था जब भारत ने बहुत कुछ खोया था। दसवीं सदी तक दुनिया की जीडीपी में आधे से अधिक हिस्सेदारी अकेले भारत की हुआ करती थी। अंग्रेजों ने अपने कालखंड में यहां के संसाधनों को लूट लिया। अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। सीएम ने कहा कि देश के आजाद होने के बाद भी 1947 से लेकर के 2014 तक आते-आते 65 से 70 वर्षों के दौरान भारत दुनिया की केवल 11वीं अर्थव्यवस्था बन पाया था। जबकि पिछले दस वर्ष के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरेक क्षेत्र में विकास करते हुए देश-दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के कालखंड में जब दुनिया के आने का अनेक देश पस्त हो गए थे, तब भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने नागरिकों को मुफ्त राशन दे रहा था। मुफ्त में जांच, इलाज और वैक्सीन की सुविधा दे रहा था। एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ता भारत अगले दो वर्ष में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। आज भारत के विकास की दर दुनिया के किसी भी देश से बेहतर दिशा में आगे बढ़ रही है। भारत एक बार फिर दुनिया को लीड करने की ओर अग्रसर है।

एआई पर फोकस करें छात्र : रवि किशन

सांसद रवि किशन शुक्ल ने कहा कि पहली बार उत्तर प्रदेश के किसी विश्वविद्यालय को एसी हॉस्टल मिलने जा रहा है। इस यूनिवर्सिटी ने कई क्षेत्रों में इतिहास रचा है। देश-विदेश में इसके छात्र नाम रोशन कर रहे हैं। इसका इतिहास अद्भुत है। एआई भविष्य है, इस पर इंजीनियरिंग के छात्र फोकस करें। सीएम योगी हर जगह छात्रों के लिए खजाना खोले हुए हैं।

कुलपति ने प्रस्तुत की प्रगति रिपोर्ट

कुलपति प्रो जेपी सैनी ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो. बीके पाण्डेय ने संचालन व कुलसचिव चन्द्र प्रकाश प्रियदर्शी ने आभार ज्ञापन किया। इस मौके पर महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव भी मंचासीन रहे।

सीएम ने किया 91.22 करोड़ की परियोजनओं का लोकार्पण व शिलान्यास

-1357.25 लाख की सात परियोजनाओं का सीएम ने किया लोकार्पण

-7765.67 लाख की छह परियोजनाओं का सीएम ने किया शिलान्यास

-528 छात्रों के लिए बनने वाले एसी हॉस्टल की सीएम ने रखी आधारशिला

गोरखपुर, निज संवाददाता।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एमएमएमयूटी में कुल 91.22 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 1357.25 लाख की कुल सात परियोजनाओं का लोकार्पण और 7765.67 लाख की छह परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

सीएम योगी ने सोमवार को 784.35 लाख से बने सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास, 162.23 लाख की लागत से यांत्रिक अभियंत्रण विभाग भवन का हुए विस्तार और 154.28 लाख की लागत से बने आईटीआरसी/आईटीसीए विभाग के विस्तारित भवन का लोकार्पण किया। इसके अलावा प्राकृतिक गैस पाइप लाइन, विद्युत सब स्टेशन के पास निर्मित चारदीवारी, सरस्वती वाटिका एवं बिस्मिल पार्क का लोकार्पण किया। नई चार सीएनजी बसों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इन परियोजनाओं का किया शिलान्यास

विश्वविद्यालय में 528 छात्र क्षमता के पुरुष छात्रावास का निर्माण शासन के मद से 47.98 करोड़ रुपये से होना है। इसके अलावा 8.63 करोड़ से परीक्षा भवन बनना है। जर्जर हो चुके विश्वेश्वरैया भवन, टैगोर भवन, रमन भवन एवं सुभाष भवन छात्रावासों का नवीनीकरण 1726.93 लाख रुपये से, बहुउद्देश्यीय भवन के अनुरक्षण और नवीनीकरण पर 160.85 लाख से होगा। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के दो ब्लाकों का 117.68 लाख से विशेष अनुरक्षण, परिसर में 99.08 लाख से विभिन्न नई सड़कों के निर्माण होना है। इन सभी परियोजनाओं का सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिलान्यास किया।

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नवनियुक्त 76 शिक्षकों के इंडक्शन प्रोग्राम का किया शुभारंभ

विश्वविद्यालय में पिछले दिनों नियुक्त कुल 20 एसोसिएट प्रोफेसर और 56 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। इन शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम का भी मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव चन्द्र प्रकाश प्रियदर्शी ने नवनियुक्त शिक्षकों को शपथ दिलाई।

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सौ शिक्षकों व शोधार्थियों को किया सीएम ने किया पुरस्कृत

सीएम ने उत्कृष्ट शोध व पेटेंट के लिए सीएम ने सम्मानित किया। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. एसके सोनी को सर्वाधिक 1,36,800 रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की। इनके अलावा केमिस्ट्री के प्रो. राजेश यादव, भौतिकी के प्रो. डीके द्विवेदी, इलेक्ट्रॉनिक्स की डॉ पूजा लोहिया, सिविल के डॉ विनय भूषण चौहान व मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डॉ देवेश कुमार को फैकल्टी प्रीमियम रिसर्च अवार्ड से सम्मानित किया। शोधार्थियों शेफाली मिश्रा, आयुष कुमार, रामजी त्रिपाठी, सुषमा स्वराज, अमित शर्मा और प्रज्ञा मिश्रा को भी सीएम ने सम्मानित किया। एमएमएमयूटी के करीब 100 शिक्षकों को उत्कृष्ट शोध व पेटेंट के लिए पुरस्कृत किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए ‘टैलेंट इंसेंटिव स्कीम के तहत इन शिक्षकों व विद्यार्थियों को करीब 12.78 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।

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