योगी पैकेज- परिसर संस्कृति को समृद्ध कर नवाचार पर दें ध्यान : योगी
Gorakhpur News - महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद - संस्थाओं की समीक्षा कर वार्षिक शैक्षणिक सत्र की भावी

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की शैक्षिक संस्थाओं का एक ध्येय होना चाहिए वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को सौ फीसद लागू करें। प्रदेश और देश में खुद को रोल मॉडल के रूप में स्थापित करें। आपस में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए सभी संस्थाएं परिसर संस्कृति को समृद्ध करने तथा निरंतर नवाचार पर ध्यान देने की तरफ अग्रसर हों।
सीएम योगी शनिवार को गोरखनाथ मंदिर के बैठक कक्ष में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सभी संस्थाओं की वार्षिक समीक्षा और आगामी शैक्षणिक सत्र की भावी कार्ययोजना को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस शिक्षा परिषद की संस्थाओं का दायरा और विस्तृत करने की आवश्यकता है। जरूरत है कि हमारी संस्थाएं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को शत-प्रतिशत अपनाकर अन्य संस्थाओं के लिए रोल मॉडल बनें।
इस अवसर पर उन्होंने एक-एक कर संस्थाओं के प्रमुखों से वर्षभर की गतिविधियों व उपलब्धियों की जानकारी ली। आगामी सत्र की कार्ययोजना को लेकर उनके लक्ष्यों पर अपने सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद की संस्थाओं में अनुशासित परिसर संस्कृति को सदैव प्राथमिकता पर रखा है। उन्होंने शिक्षा संस्थाओं में पठन-पाठन और उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता में किसी भी तरह की कोताही न बतरने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी संस्थाओं में प्रयोगशाला और पुस्तकालय को समृद्ध करने तथा ई लाइब्रेरी की ओर अग्रसर होने के निर्देश दिए।
उन्होंने शिक्षा परिषद की संस्थाओं की सामाजिक सहभाग की भी समीक्षा की। सीएम ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि परिषद की संस्थाओं ने लगातार अलग-अलग आयामों से जुड़कर समाज की चिकित्सा, शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा स्वावलंबन के लिए अनवरत कार्यों की श्रृंखला को बनाए रखा है। शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं विद्यार्थी केंद्रित प्रणाली का निरंतर उन्नयन करती रहें। जो भी कार्य हों, उनमें सेवा की भावना सर्वोपरि होनी चाहिए।
शताब्दी वर्ष की अभी से शुरू करें तैयारी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 को भव्य तथा ऐतिहासिक बनाने के लिए अभी से तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना 1932 में पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक पुनर्जागरण और राष्ट्रीय मूल्यों के संरक्षण को लेकर की गई थी। यह परिषद अपने संस्थापक युगपुरुष ब्राह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ तथा विस्तारक राष्ट्रसंत ब्राह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के मूल्यों, आदर्शों को संजोते हुए निरंतर प्रगतिमान है। सात साल बाद यह अपनी यात्रा के शताब्दी वर्ष में होगी।
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
बैठक में परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह, प्रमथनाथ मिश्र, एसपी सिंह, रामजन्म सिंह, अनिल कुमार सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, डॉ. ओम प्रकाश सिंह, डॉ विजय चौधरी, डॉ अजय कुमार पांडेय, डॉ. अरविंद कुमार चतुर्वेदी, संदीप कुमार, डॉ. अरुण कुमार सिंह, शीतल डीके, अनिल प्रकाश सिंह, पंकज कुमार, मनीष कुमार पांडेय, डॉ. सीमा श्रीवास्तव, हर्षिता सिंह, डॉ. आरके सिंह, सुधीर अग्रवाल, मनीष कुमार दूबे, केशव त्रिपाठी, डीपी सिंह, डॉ. रामपाल यादव, डॉ. हरेंद्र यादव, सपना सिंह, अभय सिंह, डॉ. शशिप्रभा सिंह, डॉ सुनीता श्रीवास्तव, विनय कुमार सिंह मौजूद रहे।
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